अजीत जोगी के जाति मामले में सुनवाई, कोर्ट ने कहा, हस्तक्षेपकर्ताओं की भूमिका केवल न्यायिक स्थिति को स्पष्ट करने तक ही सीमित

अजीत जोगी के जाति मामले में सुनवाई, कोर्ट ने कहा, हस्तक्षेपकर्ताओं की भूमिका केवल न्यायिक स्थिति को स्पष्ट करने तक ही सीमित

अजीत जोगी के जाति मामले में सुनवाई, कोर्ट ने कहा, हस्तक्षेपकर्ताओं की भूमिका केवल न्यायिक स्थिति को स्पष्ट करने तक ही सीमित
Modified Date: November 29, 2022 / 08:35 pm IST
Published Date: October 22, 2019 1:57 pm IST

बिलासपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रमुख अजीत जोगी के जाति प्रकरण में आज उच्च न्यायालय का आदेश आया है। जिसमें कोर्ट ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और दो अन्य की हस्तक्षेप आवेदन पर कहा कि तीनों ‘आवश्यक पक्षकार’ की श्रेणी में नहीं आते हैं। तीनों हस्तक्षेपकर्ताओं की भूमिका केवल न्यायिक स्थिति को स्पष्ट करने तक ही सीमित रहेगी। इस मामले में 6 नवम्बर 2019 को अगली सुनवाई होगी। जस्टिस आरसी सामंत की कोर्ट से मामले में फैसला आया है।

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बता दें कि जोगी की जाति को लेकर लंबे अरसे से विवाद चला आ रहा है। जोगी को बीजेपी के शासनकाल में आदिमजाति कल्याण विभाग की उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने आदिवासी नहीं माना था। इसके खिलाफ जोगी ने हाई कोर्ट बिलासपुर में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने हाईपावर कमिटी अधिसूचित न होने की वजह से इसे विधि अनुरूप नहीं माना था। हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य शासन ने 21 फरवरी, 2018 को फिर से हाईपावर कमिटी का गठित की थी।

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छानबीन समिति ने 23 अगस्त को अपनी रिपोर्ट में अजीत जोगी को आदिवासी मानने से इनकार कर दिया और उनके सभी जाति प्रमाण पत्रों को निरस्त कर दिया। कमिटी ने तय किया है कि जोगी को अनुसूचित जनजाति के लाभ की पात्रता नहीं होगी। बिलासपुर हाईकोर्ट के निर्देश पर अजीत जोगी ने 21 अगस्त को हाईपावर छानबीन समिति के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए थे। उसके बाद ही समिति का फैसला आया है। समिति ने अपने फैसले पर अमल करने के जिलाधिकारी बिलासपुर को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उसी के आधार पर कलेक्टर कार्यालय के तहसीलदार टीआर भारद्वाज ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com