बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के संसदीय सचिवों की नियुक्ति मामले में फैसले से राज्य सरकार को राहत मिली है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने संसदीय सचिवों की़ नियुक्ति को सही ठहराया है। इस फैसले के बाद संसदीय संचिवों को हटाने का खतरा टल गया है।
ये भी पढ़ें- मोदी के दौरे में मौसम का अड़ंगा, 3 दिन आंधी-बारिश के आसार
बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को अवैध ठहराए जाने के बाद राज्य में इसके खिलाफ आपत्ति लगाई थी। छत्तीसगढ़ में 11 संसदीय सचिवों की नियुक्ति की गई है। लेकिन कोर्ट ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। कांग्रेस नेता मोहम्मद अकबर और सामाजिक कार्यकर्ता राकेश चौबे ने याचिका लगाई थी।
. @BilaspurDist हाईकोर्ट में संसदीय सचिवों के खिलाफ दायर याचिका निराकृत, इस फैसले से राज्य सरकार को राहत मिली है।
हाईकोर्ट के वकील आशुतोष कछवाहा इस बारे में मीडिया को जानकारी दी! pic.twitter.com/omgLQ4VaIb
— IBC24 (@IBC24News) April 13, 2018
ये भी पढ़ें- पीएम प्रवास की तैयारियों का जायजा लेने नड्डा पहुंचे रायपुर
इसकी अंतिम सुनवाई 16 मार्च को हुई थी और 2 फरवरी को कोर्ट ने संबंधित पक्षों की बहस पूरी की थी। इस मामले में हुई सुनवाई में कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में संसदीय सचिवों के काम करने पर रोक लगा दी थी। लेकिन मोहम्मद अकबर ने आरटीआई से मिली सूचना के आधार पर बताया है कि सभी संसदीय सचिव और सरकार कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं लिहाज़ा उन्होंने कोर्ट ऑफ कंटेंप्ट का मामला भी दर्ज कर दिया।
ये भी पढ़ें- भारतीय शूटरों का सोने पर निशाना, 15 साल के अनीश ने दिलाया 16वां गोल्ड
इसके बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट ने संसदीय सचिव मामले में रिट पीटिशन ख़ारिज कर दिया है। कोर्ट ने यह कहा है कि अंतरिम आदेश स्थाई रुप से जारी रहेगा। संसदीय सचिवों को मंत्रियों वाले कोई अधिकार अथवा सुविधा नही मिलेगी। फैसले के मुताबिक संसदीय सचिवों के पद मंत्री के समतुल्य हैं लेकिन राज्यपाल ने शपथ नही दिलाई ना ही उनका निर्देशन है, इसलिए इन्हें मंत्रियों के कोई अधिकार प्राप्त नही हो सकते।
वेब डेस्क, IBC24