संसदीय सचिवों के खिलाफ दायर याचिका निराकृत, राज्य सरकार को राहत 

संसदीय सचिवों के खिलाफ दायर याचिका निराकृत, राज्य सरकार को राहत 

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  • Publish Date - April 13, 2018 / 05:42 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:20 PM IST

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के संसदीय सचिवों की नियुक्ति मामले में फैसले से राज्य सरकार को राहत मिली है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने संसदीय सचिवों की़ नियुक्ति को सही ठहराया है। इस फैसले के बाद संसदीय संचिवों को हटाने का खतरा टल गया है। 

 

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बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को अवैध ठहराए जाने के बाद राज्य में इसके खिलाफ आपत्ति लगाई थी। छत्तीसगढ़ में 11 संसदीय सचिवों की नियुक्ति की गई है। लेकिन कोर्ट ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है।  कांग्रेस नेता मोहम्मद अकबर और सामाजिक कार्यकर्ता राकेश चौबे ने याचिका लगाई थी।

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इसकी अंतिम सुनवाई 16 मार्च को हुई थी और 2 फरवरी को कोर्ट ने संबंधित पक्षों की बहस पूरी की थी। इस मामले में हुई सुनवाई में कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में संसदीय सचिवों के काम करने पर रोक लगा दी थी। लेकिन मोहम्मद अकबर ने आरटीआई से मिली सूचना के आधार पर बताया है कि सभी संसदीय सचिव और सरकार कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं लिहाज़ा उन्होंने कोर्ट ऑफ कंटेंप्ट का मामला भी दर्ज कर दिया। 

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इसके बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट ने संसदीय सचिव मामले में रिट पीटिशन ख़ारिज कर दिया है। कोर्ट ने यह कहा है कि अंतरिम आदेश स्थाई रुप से जारी रहेगा। संसदीय सचिवों को मंत्रियों वाले कोई अधिकार अथवा सुविधा नही मिलेगी। फैसले के मुताबिक संसदीय सचिवों के पद मंत्री के समतुल्य हैं लेकिन राज्यपाल ने शपथ नही दिलाई ना ही उनका निर्देशन है, इसलिए इन्हें मंत्रियों के कोई अधिकार प्राप्त नही हो सकते।

 

वेब डेस्क, IBC24