हमेशा मेरे साथ खड़े रहने के लिए प्रशंसकों का आभार व्यक्त करता हूं : बॉबी देओल

हमेशा मेरे साथ खड़े रहने के लिए प्रशंसकों का आभार व्यक्त करता हूं : बॉबी देओल

हमेशा मेरे साथ खड़े रहने के लिए प्रशंसकों का आभार व्यक्त करता हूं : बॉबी देओल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:13 pm IST
Published Date: October 4, 2020 12:15 pm IST

(कोमल पंचमटिया)

मुंबई, चार अक्टूबर (भाषा) बॉलीवुड में बॉबी देओल का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है । इस बीच, सोमवार को हिंदी सिनेमा में 25 साल पूरे करने वाले अभिनेता का कहना है कि वह सुख और दुख में लगातार समर्थन करने के लिए अपने प्रशंसकों के आभारी हैं।

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के बेटे बॉबी ने 1995 में राजकुमार संतोषी के निर्देशन में आई फिल्म ‘बरसात’ में एक और स्टार चाइल्ड ट्विंकल खन्ना के साथ फिल्मी दुनिया में एक अभिनेता के तौर पर बेहतरीन पदार्पण किया।

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हालांकि, बाल कलाकार के रूप में, उन्होंने मनमोहन देसाई की 1977 की हिट फिल्म ‘धरम-वीर’ में अपने पिता के किरदार के बाल रूप की भूमिका निभाई थी।

‘बरसात’ के बाद देओल ने ‘गुप्त’, ‘सोल्जर’, ‘अजनबी’, और ‘हमराज’ जैसी हिट फिल्में दीं।

2000 के दशक के अंत और 2010 के दशक की शुरुआत में उनके करियर में कुछ समय के ठहराव के बाद, अभिनेता ने ‘रेस 3’ और ‘हाउसफुल 4’ जैसी कई बड़े स्टार वाली फिल्मों में काम किया, जिनकी सफलता से उनके करियर को एक नई दिशा मिली।

देओल ने इस साल अपना डिजिटल डेब्यू नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म ‘क्लास ऑफ ’83’ से किया और फिर उनकी एमएक्स ओरिजिनल पर सीरीज ‘आश्रम’ आई।

अभिनेता ने कहा कि वह अगले 25 साल तक बॉलीवुड में रहने की उम्मीद कर रहे हैं।

अपनी फिल्मी यात्रा को ‘पूर्ण नहीं बल्कि अद्भुत’ करार देने वाले 51 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि ओटीटी मंच में उछाल उनके लिए करियर का नया मोड़ है।

देओल ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में बताया, ‘‘कुछ भी संपूर्ण नहीं होता है, आप गलत विकल्प चुन लेते हैं। आप कभी भी यह तय नहीं कर सकते हैं कि जब आप कोई फिल्म चुनते हैं तो यह एक बड़ी हिट होगी या नहीं। मेरे जीवन का यह नया अध्याय अच्छा चल रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं ओटीटी प्लेटफॉर्म का हिस्सा हूं और यह मेरे लिए बहुत सफल रहा है। लोगों ने ‘क्लास ऑफ 83’ और ‘आश्रम’ में मेरे काम की सराहना की है। मैं अपने प्रशंसकों का शुक्रगुजार हूं, जो हमेशा मेरे साथ खड़े रहे।’

भाषा कृष्ण

कृष्ण नरेश

नरेश


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