रायपुर। राजधानी समेत प्रदेश में फैले ड्रग्स के नेटवर्क को तोड़ने में राजधानी पुलिस की भूमिका काबिले तारीफ रही है.. लेकिन इस मामले में विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति को लेकर की जा रही कोशिश ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं..। हुआ यह है कि रायपुर जिला प्रशासन ने ड्रग्स तस्कर श्रेयांस झावक और विकास बंछोर केस में पैरवी के लिए विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति की जरूरत बताई है और इसके लिए चार वकीलों के नाम भी दे दिए हैं। लेकिन भाजपा ने इस पहल पर सवाल खड़े कर दिया है..। उसका आरोप है कि या तो न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने या फिर आरोपियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह की कोशिश की जा रही है।
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27 सितंबर की रात रायपुर के क्वींस क्लब में नशे की पार्टी आयोजित कराने के बाद आईबीसी 24 ने नशे के नेटवर्क को सामने लाना शुरू किया तो एक से बढ़ कर एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। लगातार खुलासे के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की.. फिर तो ड्रग्स, कोकिन के नेटवर्क का भी पर्दाफाश हो गया..। सबसे पहले विकास बंछोर और श्रेयांस झाबक को 17 ग्राम कोकिन के साथ गिरफ्तार किया गया..। दोनों इस धंधे के पुराने खिलाड़ी साबित हुए..। इसने पूछताछ के बाद इस नेटवर्क से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हो गया..। निकिता पंचाल, आशीष शुक्ला, मिन्हाज मेमन, रायडन बथैलो, पैट्रीक यूबीके बावको समेत 16 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया..।
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इसी नेटवर्क से जुड़े रहने के आरोप में रायपुर पुलिस ने क्वींस क्लब के मैनेजर रहे संभव पारख और वीआईपी रोड पर होटल चलाने वाले हर्षदीप जुनेजा को भी गिरफ्तार किया है..। पुलिस की जबरदस्त कार्रवाई कहे या फिर लोक अभियोजक की ठोस तैयारी, इस मामले में गिरफ्तार एक भी आरोपी की जमानत नहीं हो सकी..। लेकिन इसी बीच, रायपुर जिला प्रशासन ने इस केस में पैरवी करने के लिए नए विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति की जरुरत बताते हुए गृह विभाग को पत्र लिख दिया..। साथ ही अपनी तरफ से चार वकीलों के नाम की लिस्ट भी आगे कर दी है..। लेकिन गृह विभाग को लिखे इस पत्र ने कई सवालों को जन्म दे दिया है..। विशेषकर इसकी टाइमिंग को लेकर भाजपा, सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़ी कर रही है..। भाजपा नेता सवाल कर रहे हैं कि जब वर्तमान लोक अभियोजक अच्छा काम कर ही रहे हैं, तो नए लोक अभियोजक की नियुक्ति क्यों..। और अगर, नए अभियोजक की नियुक्ति के बाद आरोपियों को फायदा पहुंचा तो इसे क्या समझा जाएगा..। लिहाजा, सरकार सुनिश्चित करें कि जो कुछ भी कार्रवाई हो, इस नेटवर्क को चलाने वाले आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा जरुर मिले..।
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दरअसल, सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि जिस रफ्तार से यह पत्र और फाइल आगे बढ़ रही है, वह भी हैरान करने वाली है..। हालांकि कांग्रेस के नेता भाजपा के आरोपों को खारिज कर रहे हैं..। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि नए लोक अभियोजक की नियुक्ति मामले में और सशक्त पैरवी करने के लिए की जा रही है, ताकि ड्रग्स नेटवर्क से जुड़े लोगों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जा सके..। हो सकता है सरकार और जिला प्रशासन की नीयत वही हो जो सरकार के प्रवक्ता कह रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन के इस पत्र ने राजधानी में भूचाल जरूर ला दिया है…। मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में इस पत्र के मायने निकाले जा रहे हैं और शंका-आशंकाओं का बाजार गर्म है..। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि रसूखदारों के संरक्षण में चलने वाले ड्रग्स नेटवर्क से जुड़े गिरफ्तार लोगों के साथ आगे क्या होता है।