कई सालों से घाटा दिखा रही कंपनी पर आईटी का छापा, सैकड़ों करोड़ रुपए के अवैध लेनदेन का पता चला

कई सालों से घाटा दिखा रही कंपनी पर इनकम टैक्स का छापा, सैकड़ों करोड़ रुपए के अवैध लेनदेन का पता चला Income tax raid on loss making company for many years Illegal transactions worth hundreds of crores detected

कई सालों से घाटा दिखा रही कंपनी पर आईटी का छापा, सैकड़ों करोड़ रुपए के अवैध लेनदेन का पता चला
Modified Date: November 29, 2022 / 07:55 pm IST
Published Date: August 18, 2021 4:22 pm IST

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने 16 अगस्त 2021 को भारत में विभिन्न दूरसंचार कंपनियों के लिए दूरसंचार उपकरणों के व्यापार और उनकी स्थापना व सर्विसिंग में लगी एक कंपनी की तलाशी ली। उस कंपनी के कारपोरेट कार्यालय, उसके विदेशी निदेशक के आवास, कंपनी सचिव के आवास, लेखा कार्यों से जुड़े व्यक्ति और भारत में उसकी एक विदेशी सहायक कंपनी के नकद प्रबंधकर्ता (कैश हैंडलर) सहित पांच परिसरों की तलाशी ली गई।

तलाशी अभियान के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि इस कंपनी द्वारा की गई खरीद पूरी तरह से उसकी होल्डिंग कंपनी से हुई थी। बिक्री के बिलों और आयात के बिलों की तुलनात्मक जांच से यह पता चला कि इन वस्तुओं के व्यापार पर भारी सकल लाभ (लगभग 30%) हुआ है, जबकि यह कंपनी पिछले कई वर्षों से भारी घाटा दर्शाती रही। इस प्रकार यह स्पष्ट हुआ कि इस कंपनी द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के संबंध में फर्जी खर्चों के जरिए घाटा दर्शाया जा रहा था। कुछ ऐसे प्राप्तकर्ताओं की पहचान की गई है जिनके नाम पर पिछले कुछ वर्षों में बहुत अधिक खर्च दिखाया गया है। इन संस्थानों का उनके उल्लिखित पतों पर कोई अस्तित्‍व नहीं पाया गया। इसके अलावा, उक्त संस्थान अपना आयकर रिटर्न (आईटीआर) भी दाखिल नहीं करते हैं। ऐसे कई और संदिग्ध संस्थानों की भी जांच की जा रही है। इस बात का अनुमान है कि पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों करोड़ रुपए के ऐसे फर्जी खर्च किए गए होंगे।

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तलाशी के दौरान इस कंपनी के सीईओ, सीएफओ और अन्य प्रमुख व्यक्तियों के व्हाट्सएप चैट में दोषी साबित करने वाले कई सबूत मिले हैं, जो दूरसंचार कंपनियों को अवैध भुगतान करने का संकेत देते हैं। ये व्हाट्सएप चैट भारत में एक दूरसंचार कंपनी के शेयरों की खरीद के लिए ऑस्ट्रेलिया स्थित एक व्यक्ति को कमीशन का भुगतान करने का भी खुलासा करते हैं। ऐसे लेनदेन की आगे जांच की जा रही है। तलाशी के दौरान इलेक्ट्रॉनिक डेटा और भौतिक कागजातों के रूप में मिले सबूतों से यह पता चलता है कि अघोषित धन, जो कि हर साल कई करोड़ में होते हैं, को फर्जी स्क्रैप बिक्री आदि के रूप में बही- खातों में वापस दिखाया गया है। कंपनी के विदेशी सीएफओ सहित प्रमुख व्यक्तियों के इलेक्ट्रॉनिक डेटा से मिले दोषी साबित करने वाले कई सबूतों से यह पता चलता है कि इस कंपनी के कर्मचारी रुपये से लेकर आरएमबी तक के अवैध मुद्रा विनिमय में लिप्त थे। वे बड़े पैमाने पर भारत से चीन भेजी जाने वाली दवाओं के अवैध व्यापार में भी लिप्त पाए गए।

इस कंपनी के बही-खातों की जांच में व्यापक विसंगतियां पाई गई हैं। यह पाया गया है कि यह कंपनी खर्चों के लिए अपने द्वारा बनाए गए प्रावधानों पर टीडीएस काटने में विफल रही है। वित्तीय वर्ष 2014-15 और 2015-16 के दौरान यह कंपनी ऐसे प्रावधानों पर 120 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का टीडीएस काटने में विफल रही। इस कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान संदिग्ध ऋणों के लिए अपने द्वारा बनाए गए प्रावधानों पर 100 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च का दावा किया है। इसी तरह, संदिग्ध ऋणों के प्रावधान और संदिग्ध उधारों एवं अग्रिमों के प्रावधान के संबंध में पिछले कई वर्षों के दौरान सैकड़ों करोड़ रुपए के खर्च का दावा किया गया है। ऐसे खर्चों की ग्राह्यता की जांच की जा रही है।

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इसके अलावा, इस कंपनी ने लगभग 12 चालू बैंक खाते होने के बावजूद अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में केवल दो बैंक खातों की जानकारी दी है। अन्य बैंक खातों में हुए लेनदेन से जुड़ी जवाबदेही के बारे में जांच की जा रही है।

अब तक सैकड़ों करोड़ रुपए की कर देनदारी के मामलों की पहचान की गई है। उक्त परिसरों में 62 लाख रुपए से अधिक की अघोषित नकदी मिली है। तलाशी के दौरान 3 लॉकर भी मिले हैं, जिन्हें कब्जे में ले लिया गया है। तलाशी अभियान अभी भी जारी है।

 


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