चार दिन में दो बार तबादला..चूक के कारण बनी दूसरी सूची…किसका बढ़ा कद…? 

चार दिन में दो बार तबादला..चूक के कारण बनी दूसरी सूची...किसका बढ़ा कद...? 

चार दिन में दो बार तबादला..चूक के कारण बनी दूसरी सूची…किसका बढ़ा कद…? 
Modified Date: November 29, 2022 / 08:30 pm IST
Published Date: April 5, 2018 3:50 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चार दिनों के भीतर दो बार आईएएस अफसरों के तबादले की इनसाइड स्टोरी प्रशासनिक हलकों में सुर्खियों में है। दरअसल, दूसरा रूटीन नहीं था, ऐसा कहा जा रहा है कि पहले ट्रांसफर में हुई चूक को सुधारने के लिए दूसरा जारी किया गया। साल 2011 बैच के आईएएस जन्मेजय महोबे को राजभवन से हटाकर अन्बलगन की जगह मार्कफेड का एमडी बनाया गया। इन दोनों अफसरों के फेरबदल के कारण असुविधा की स्थिति पैदा हो गई, क्योंकि मार्कफेड में साल 2008 बैच के आईएएस सत्यनारायण राठौर अतिरिक्त प्रबंध संचालक के पद पर पदस्थ थे। ऐसे में सवाल यह उठने लगा कि जूनियर अफसर को सीनियर के ऊपर कैसे बिठाया जा सकता है। बताया तो यह भी जा रहा है कि सत्यनारायण राठौर ने इस पर बकायदा सरकार के समक्ष आपत्ति भी जताई थी। 

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सरकार के प्रमुख लोगों का जब इस ओर ध्यान दिलाया गया तो गलती को सुधारने के लिए एक आदेश जारी किया गया और जन्मेजय महोबे की पोस्टिंग बीज निगम में की गई। बीज निगम में महोबे की पदस्थापना के लिए आलोक अवस्थी को हटाना पड़ा। हालांकि फेरबदल में उनका नाम कहीं भी नहीं था। लेकिन विकट स्थिति से निपटने के लिए ऐसा किया गया और आलोक अवस्थी को इसका सीधा फायदा हुआ। उन्हें कृषि आयुक्त के पद पर बिठाया गया। जबकि आमतौर पर कृषि विभाग के ही वरिष्ठ अधिकारी को संचालक का पद दिया जाता है, लेकिन आलोक अवस्थी आईएएस हैं, तो उन्हें कमिश्नर का पद दिया गया। लिहाजा उनका कद बढ़ गया। कृषि बड़े बजट वाला विभाग माना जाता है। 

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लोकसुराज के बाद आईएएस अफसरों का तबादला तय था, उसमें कलेक्टर शामिल थे। मंत्रालय स्तर पर पहली लिस्ट के बाद दूसरी आने की संभावना नहीं थी। इसमें कुछ एक अफसरों को सूची जारी होने के बाद इसकी जानकारी मिली। इसके पहले बिलासपुर संभाग के कमिश्नर के ट्रांसफर के समय भी ऐसी स्थिति बनी थी, जिसे भी इस तरह सुधारा गया।

 

 

वेब डेस्क, IBC24


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