मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों गये अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों गये अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

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  • Publish Date - May 6, 2021 / 01:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:32 PM IST

भोपाल, छह मई (भाषा) अपने लिए बेहतर कोविड-19 उपचार एवं एक साल की फीस माफी समेत अन्य मांगों को लेकर मध्य प्रदेश के छह सरकारी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर (जूडा) बृहस्पतिवार सुबह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं।

कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों में आ रही तेजी के चलते इससे निपटने के लिए चिकित्सकों, चिकित्सीय ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शनों एवं अन्य चीजों की कमी को झेल रहे राज्य शासन को और मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है ।

हालांकि, मध्य प्रदेश सरकार ने कहा कि हम इस गतिरोध को खत्म करने के लिए अपनी ओर से भरसक प्रयास कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अरविंद मीणा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मध्य प्रदेश के छह सरकारी मेडिकल कॉलेज –भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर एवं रीवा – के जूनियर डॉक्टर अपने लिए बेहतर कोविड-19 उपचार एवं एक साल की फीस माफी सहित अन्य मांगों को लेकर बृहस्पतिवार सुबह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं।’’

उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार ने आज बृहस्पतिवार शाम तक हमारी मांगों को पूरा करने के लिए हमें लिखित आश्वासन नहीं दिया, तो कोविड-19 मरीजों की उपचार में लगे जूनियर डॉक्टर भी आज शाम के बाद काम बंद कर हमारे हड़ताल में शामिल हो जाएंगे।

मीणा ने बताया कि वर्तमान में 2500 से 3000 तक जूनियर डॉक्टर हैं और इनमें से 15 से 20 प्रतिशत डॉक्टरों की ड्यूटी कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का उपचार करने में लगाई गई है।

उन्होंने कहा कि हम इस महामारी के दौर में इस तरह से कठोर कदम उठाने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन हमारे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

मीणा ने बताया, ‘‘पिछले छह महीनों से हम अपनी समस्याओं के बारे में राज्य सरकार का ध्यान आकर्षण कर रहे थे। तीन मई को मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आश्वस्त किया था कि हमारी मांगे पूरी कर ली जाएंगी, लेकिन अब तक एक भी मांग पूरी नहीं की गई।’’

उन्होंने कहा, ‘’25 प्रतिशत जूनियर डॉक्टर कोरोना वायरस संक्रमित हो गये हैं। हम राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं कि जो भी जूनियर डॉक्टर कोविड-19 की चपेट में आयेगा और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी तो उनके लिए अस्पतालों में बिस्तर सुनिश्चित कराया जाये।’’

मीणा ने बताया कि कोविड-19 का स्वरूप हर दो महीने में बदलता जा रहा है, इसलिए हम चाहते हैं कि कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले जूनियर डॉक्टरों का बेहतर से बेहतर उपचार किया जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 की चपेट में आये जूनियर डॉक्टरों को अपने इलाज में आये खर्च के बिल का भुगतान खुद करना पड़ रहा है और बाद में राज्य सरकार उन्हें बिल इत्यादि जमा करने पर इसे लौटा रही है। इसलिए एक महत्वपूर्ण मांग हमारी यह भी है कि कोविड-19 की चपेट में आये जूनियर डॉक्टरों को अपने इलाज में आये खर्च के बिल का भुगतान सीधे राज्य सरकार द्वारा ही अस्पताल को किया जाये।’’

मीणा ने बताया कि इसके अलावा हम चाहते है कि राज्य सरकार हमारी एक साल की फीस माफ करे, क्योंकि कोरोना वायरस की महामारी के चलते पिछले साल से हमारा शैक्षणिक सत्र हो ही नहीं पाया है।

वहीं, मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, ‘‘हम इस गतिरोध को खत्म करने के लिए अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहे हैं और आज ही हमें सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है।’’

भाषा रावत रंजन

रंजन