महाविकास आघाड़ी सरकार मजबूत है, भाजपा के झूठ का जवाब देंगे : राउत

महाविकास आघाड़ी सरकार मजबूत है, भाजपा के झूठ का जवाब देंगे : राउत

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  • Publish Date - July 1, 2021 / 09:38 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

मुंबई, एक जुलाई (भाषा) शिवसेना सांसद संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को यह गलतफहमी है कि वह विधायकों और मंत्रियों पर ‘‘झूठे आरोप’’ लगाकर राज्य की महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को हिला सकती है।

राउत ने नई दिल्ली में एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि महाविकास आघाड़ी (शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस का गठबंधन- एमवीए) ने राज्य में स्थिरता बनाए रखने के लिए इस तरह के दांवपेचों का जवाब देने और ‘पलट कर वार करने’ का फैसला किया है।

राजनीतिक गलियारों में गठबंधन सहयोगियों के बीच मतभेद की अटकलों पर शिवसेना सांसद ने कहा कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के लिए पितातुल्य हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ सेंट्रल विस्ता परियोजना के लिए दिल्ली खोद दी गई, यातायात मार्ग बदल दिए गए लेकिन भाजपा को पता होना चाहिए कि महाराष्ट्र सरकार का रास्ता नहीं बदला जा सकता।’’

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र भाजपा इकाई ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मुंबई के बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे द्वारा उप मुख्यमंत्री अजित पवार और शिवसेना के मंत्री अनिल परब पर लगाए गए आरोपों की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है। इसकी पृष्ठभूमि में राउत ने कहा कि यदि भाजपा को ऐसा लगता है कि वह इस तरह के दांवपेंचों से एमवीए को अस्थिर और कमजोर कर सकती है तो ‘‘वह गलत सोच रही है।’’

राउत ने कहा, ‘‘केंद्रीय अन्वेषण एजेंसियों की मदद से विधायकों और मंत्रियों को झूठे मामलों में फंसाकर भी एमवीए को कमजोर करना असंभव है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद तो एमवीए और भी मजबूत हो गया है।’’

इस हफ्ते की शुरुआत में शरद पवार और ठाकरे के बीच हुई मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि यह फैसला हुआ है कि सभी गलत आरोपों का सामना किया जाएगा और जवाब दिया जाएगा।

एमवीए सहयोगियों की तुलना ‘पांडवों’ से करते हुए राउत ने कहा, ‘‘पांडवों का मार्गदर्शन भगवान कृष्ण ने किया और वे सच्चाई के लिए खड़े रहे जबकि कौरवों ने झूठ का सहारा लिया और किसी भी तरह से सत्ता पाने की कोशिश की।’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या ‘‘कौरवों’’ से उनका मतलब विपक्षी भाजपा है तो उन्होंने कहा, ‘‘कौरव तो झूठ के प्रतीक थे। मैं उन्हें कौरव नहीं कह रहा।’’

भाषा मानसी मनीषा

मनीषा