मुजफ्फरपुर: जिले के कटरा इलाके से रेप की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। खबर है कि एक मौलाना और उसके दोस्त लंबे समय से गांव की नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बना रहे थे। इसी दौरान गर्भवती हो गई तो दोनों फरार हो गए। इसी बीच नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद नाबालिग के परिजनों ने पंचायत से गुहार लगाई तो पंचों ने भी अनोखा फरमान सुनाया है। पंचायत ने पीड़िता से कहा कि नवजात बच्चे का बेच दिया जाए। हैरान करने वाली बात यह है कि पंचायत ने नवजात की कीमत भी तय कर दिया। पंचायत ने नवजात को 20 हजार में बेचने का फरमान सुनाया है। वहीं, मामले की जानकारी होने पर पुलिस दोनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी तलाश कर रही है।
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मिली जानकारी के अनुसार सीतामढ़ी जिले में रहने वाला आरोपी मौलाना मकबूल लंबे समय से इलाके के एक गांव में रहता था। गांव वाले उसके लिए रोजना बारी—बारी से खाना भेजते थे। इसी दौरान एक दिन पीड़िता खाना लेकर मौलाना के पास पहुंची। पीड़िता को देखकर मौलाना की नियत बिगड़ गई और उसने खाने में नशीली दवा मिलाकर खिला दिया और उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया। वहीं, मौलाना मकबूल के करतूतों की जानकारी जब उसके दोस्त शोएब को पता चला तो वह भी पीड़िता से अपनी हवस पूरी करने लगा। दोनों ने पीड़िता को लगभग दो महीने तक अपनी हवस का शिकार बनाया। वहीं, जब पीड़िता के गर्भवती होने की बात पता चली तो दोनों ने धमकी देते हुए कहा कि अगर किसी को बताया तो छुरा मारकर फरार हो जाएंगे।
इसी बीच पीड़िता अपनी नानी के घर चली गई और जब वह लौटी तो उसके गर्भवती होने की जानकारी परिजनों को पता चली। इसके बाद परिजनों ने गर्भपात करवाने से अच्छा नवजात को जन्म देना उचित समझा। नवजात के जन्म के डेढ़ महीने बाद परिजनों ने पंचायत से न्याय की गुहार लगाई। परिजनों ने बच्चे के पिता का पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट करवाने की मांग की, लेकिन पंचायत ने पीड़िता को न्याय दिलवाने के बजाए उसे बेचने की सलाह दी।
ग्रामीणों की पंचायत इस मुद्दे पर 4 बार बैठी और अंत में मां से दुधमुंहे बच्चे को अलग कर उसे 20 हजार रुपए में बेचने का निर्णय ले लिया गया। इधर, मुंबई में मजदूरी करने वाले पीड़िता के पिता को जब मामले की जानकारी हुई तो उसने पंचायत का निर्देश न मानते हुए महिला थाने में मामला दर्ज कराया।
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