नान घोटाला केस, एसआईटी गठन पर चीफ जस्टिस ने उठाए सवाल, शासन ने जवाब के लिए मांगा 1 मार्च तक का वक्त

नान घोटाला केस, एसआईटी गठन पर चीफ जस्टिस ने उठाए सवाल, शासन ने जवाब के लिए मांगा 1 मार्च तक का वक्त

  •  
  • Publish Date - February 15, 2019 / 11:08 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:51 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नान घोटाले मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने SIT गठन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। साथ ही पूछा है कि SIT का गठन किस प्रावधान के तहत किया गया है। इस पर सरकार की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता ने कहा कि दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत अतिरिक्त साक्ष्य जुटाने के लिए जो अधिकार दिये हैं। उसका उपयोग SIT की ओर से किया जाएगा।

पढ़ें-छत्तीसगढ़ में नई सरकार ने खोली युवाओं के लिए रोजगार की राह, जारी है कई विभागों में भर्ती

वहीं डिवीजन बेंच ने सरकार से पूछा कि जब इस मामले पर पूर्व में जांच हो चुकी है और चार्जशीट पेश होने के साथ गवाही भी चल रही है। तो सरकार की ओर से इस पर फिर से जांच की जरूरत क्यों पड़ी। इसका जवाब देने के लिए शासन ने 1 मार्च तक का समय मांगा है। जिसमें सरकार ये जवाब देगी कि SIT गठन की प्रक्रिया किस कानून के तहत है। हाईकोर्ट ने कहा है कि 1 मार्च तक शासन इस मामले पर कोई भी ऐसी कार्रवाई ना करें जिससे मौलिक अधिकारों का हनन हो।

पढ़ें-सीएम भूपेश बघेल ने किया खुलासा, झीरमघाटी में तत…

बता दें कि राज्य सरकार की ओर से गठित SIT के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है। जिस पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई में सरकार की ओर से महाधिवक्ता कनक तिवारी जबकि याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर वकील राम जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी मौजूद रहे। दो घंटे तक चली सुनवाई में गरमा-गरम बहस हुई। जिसमें चीफ जस्टिस ने शासन से सवाल किए।