रायपुर। आज छत्तीसगढ़ सरकार और शिक्षाकर्मी की मंत्रालय में हाई पावर कमिटी कि बैठक थी जिसमे महत्वपूर्ण नतीजा नहीं निकल पाया है जिसे लेकर शिक्षाकर्मी संघ बहुत ज्यादा नाराज़ है। इस बात से शिक्षाकर्मी संघ ने अब निर्णय लिया है कि इस बार संघ पेपर चेकिंग नहीं करेंगे।
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इस बारे में सभी जिला मुख्यालयों में 26 मार्च को ज्ञापन सौंपा जाएगा और 3 अप्रैल से होने वाले मूल्यांकन में संघ का कोई भी सदस्य भाग नहीं लेगा।शिक्षाकर्मियों के महानदी भवन में अधिकारियों के साथ शुक्रवार को हुई प्रथम दौर की बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। हाईपवार कमेटी ने पहले दूसरे दौर की वार्ता की बात कहीं, लेकिन बाद में उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया। इसकी वजह से आधे से ज्यादा संघ अपनी कमेटी के सामने नहीं रख पाए। शिक्षाकर्मी संघ ने प्रमुखता से संविलियन का मुद्दा रखा है। शाम को सवा चार बजे शुरु हुई मीटिंग करीब एक घंटे तक चली जिसमें शालेय शिक्षाकर्मी संघ ने कहा कि उनकी प्रमुख मांग संविलियन ही है और इससे कम वे लेेने का तैयार नहीं है।
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इसके बाद संघ ने बैठक में कहा कि संवर्ग के समस्त कर्मचारियों का स्कूल शिक्षा विभाग के मूल पदों व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक, व्यायाम शिक्षक आदि पर समान सेवा, श्रेणी, स्तर, वेतनमान व समस्त सुविधाओं सहित संविलियन किया जाना तथा उन्हें क्रमोन्नित एवं पदोन्नति का अवसर सुनिश्चि किया जाना ही संवर्ग की समस्त समस्याओं का समग्र व स्थायी समाधान है। बैठक में संघ के वीरेन्द्र दुबे, जितेन्द्र शर्मा, धर्मेश शर्मा, चन्द्रशेखर तिवारी, विवेक शर्मा, घनश्याम पटेल और शिक्षाकर्मी मौजूद थे।
वेब टीम IBC24