पत्थलगड़ी के समर्थन में सर्व आदिवासी समाज, बताया- संवैधानिक अधिकार

पत्थलगड़ी के समर्थन में सर्व आदिवासी समाज, बताया- संवैधानिक अधिकार

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  • Publish Date - April 29, 2018 / 11:23 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:33 PM IST

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ में पत्थलगड़ी पर विवाद गहराने के आसार नजर आ रहे हैं। सर्व आदिवासी समाज ने पत्थलगड़ी को अपना संवैधानिक अधिकार बताया है। माना जा रहा है कि आदिवासी ने एक तरह सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। 

छत्तीसगढ़ में ऐन चुनावी साल में पत्थलगड़ी बड़ा मुद्दा बनते नजर आ रहा है। सर्व आदिवासी समाज ने पत्थलगड़ी के समर्थन में एक सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें सरकार पर कई आरोप भी लगाए गए। इतना ही समाज ने पत्थलगड़ी को अपना संवैधानिक बताते हुए इसे जारी रखने के संकेत दिए हैं। जबकि बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने आरोपों को गलत ठहराया है। 

उल्लेखनीय है कि जशपुर में पत्थलगड़ी के प्रति जागरूकता लाने के लिए बीजेपी ने सद्भावन यात्रा निकाली थी। यहां के बुटुंगा गांव के ग्रामीणों ने एसडीएम, महिला एसडीओपी समेत 15 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। 

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शनिवार को केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता विष्णुदेव साय, राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह जूदेव, भाजयुमो उपाध्यक्ष प्रबल प्रताप सिंह जूदेव की अगुवाई में सद्भावना यात्रा निकाली गई थी। जिसमें जशपुर जिले के बादलखोल अभयारण्य क्षेत्र स्थित बुटुंगा गांव की पत्थलगड़ी को तोड़ दिया। इसके बाद से इलाके में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई थी। 

इस यात्रा की शुरुआत बछरांव गांव में एक सभा से हुई थी। यहां 22 अप्रैल को आदिवासियों ने पत्थलगड़ी कर ग्रामसभा को सार्वभौमिक घोषित कर दिया था। शनिवार को सद्भावना की यात्रा पर निकले भाजपा कार्यकर्ताओं ने शाम होते हाते ग्राम बुटुंगा में लगाए गए पत्थलगड़ी को लकड़ी के लट्ठों, घन और सब्बल मारकर तोड़ दिया। 

ऐसे माहौल में सर्व आदिवासी समाज का पत्थलगड़ी के समर्थन में सामने आने से विवाद बढ़ सकता है। सीएम डॉ रमन सिंह ने कहा था कि अगर यह धार्मिक और लोकतांत्रिक ढ़ंग से किया गया है, तो कोई बात नहीं, लेकिन संविधान के खिलाफ है तो इस पर वैधानिक कार्रवाई होगी।

वेब डेस्क, IBC24