प्लेसमेंट एजेंसी के दफ्तर में छापा, नौकरी के नाम ठगी करने वाले रैकेट का भंडापोड़

प्लेसमेंट एजेंसी के दफ्तर में छापा, नौकरी के नाम ठगी करने वाले रैकेट का भंडापोड़

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  • Publish Date - June 20, 2017 / 05:31 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

रायपुर पुलिस ने प्लेसमेंट एजेंसी के दफ्तर पर छापा मारकर नौकरी के बहाने बेरोजगार युवाओं से ठगी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। जो रैकेट चला रहे थे उनमें पिछले साल फर्जी एसीबी अफसर बनकर उगाही करने वाला शख्स डेनियल तांडी और श्रीनगर में CRPF से बर्खास्त सिपाही शैलेंद्र कश्यप शामिल है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई दूसरी धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है । 

रायपुर के तेलीबांधा थाना के ठीक पीछे सृष्टि गार्डन कॉलोनी में चलने वाली यही वो प्लेसमेंट एंजेंसी का दफ्तर है, जहां लोगों को पलक झपकते IDBI बैंक से लेकर रेलवे और दूसरी सरकारी ऑफिसों में जॉब लगाने का खेल खेला जा रहा था। इस खेल में मगरलोड की सरिता साहू भी फंसी। अपने बेटे और बेटी को जॉब दिलाने के नाम पर ढाई लाख रुपये जमा करने और फिर ज्वाइनिंग के नाम पर सात दिनों तक दिल्ली में भटकने के बाद जब पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है, तो वो पुलिस के पास पहुंची। शिकायत के आधार पर पुलिस ने एजेंसी के दफ्तर पर छापा मारा तो वहां चौंकाने वाला खेल सामने आया।

आरोपियों ने लोगों तक संपर्क करने के लिए फील्ड ऑफिसर तैनात कर रखे थे। जैसे ही नौकरी के लिए लोग पहुंचते, रजिस्ट्रेशन के नाम पर 700 से 1000 रूपये की फीस ले ली जाती। फिर नौकरी लगाने के एवज में एक एनजीओ के नाम पर लाखों के डोनेशन ले लिए जाते। जॉब से पहले ट्रेनिंग के नाम पर लोगों से फ्री में ऑफिस में काम करवाए जाते। और इन्हीं से एनजीओ के गांव-गाव, गली-गली घुमाकर उनसे डोनेशन मंगवाए जाते। लोग खुद के पैसे खर्ज कर इन जालसाजों का काम कर रहे थे। डेनियल तांडी के खिलाफ दो केस रायपुर के थाने में दर्ज है। पुलिस को शक है कि पीड़ितों की संख्या सैकड़ों में हो सकती है। लिहाजा पुलिस जालसाजों के पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुट गई है।