देशद्रोह मामला: पीएफआई एवं सीएफआई के सदस्यों ने एसटीएफ की कार्रवाई को बताया अवैध

देशद्रोह मामला: पीएफआई एवं सीएफआई के सदस्यों ने एसटीएफ की कार्रवाई को बताया अवैध

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:58 PM IST
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Published Date: April 13, 2021 6:46 am IST

मथुरा (उप्र), 13 अप्रैल (भाषा) राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) और इसकी छात्र इकाई ‘कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफआई) के सदस्यों ने यहां एक अदालत में सोमवार को दायर याचिका में अपने खिलाफ विशेष कार्यबल (एसटीएफ) की कार्रवाई को अवैध ठहराया और इस मामले को तुरंत बंद किए जाने का अनुरोध किया।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) अनिल कुमार पांडे ने याचिका को लेकर एसटीएफ का पक्ष जानने के लिए उसे समन जारी करने के निर्देश दिए और अगली सुनवाई के लिए 15 अप्रैल की तारीख तय की। । जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि न्यायाधीश के आदेश पर एसटीएफ को तत्काल समन जारी कर दिया गया।

बचाव पक्ष के वकील मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने सोमवार को कहा कि याचिका में कहा गया है कि एसटीएफ ने राज्य सरकार की अनुमति के बिना गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम (यूएपीए) की धारा 45 के तहत कार्रवाई की, जो कि अवैध है और इसी कारण यह मामला तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए।

याचिकाकर्ता में दलील दी गई है कि तीन अप्रैल को अदालत में आरोप पत्र दाखिल करते हुए एसटीएफ ने यूएपीए के अंतर्गत कार्रवाई के लिए राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त करने का न कोई उल्लेख किया और न ही इस संबंध में कोई प्रमाण पेश किया, जबकि कानून के तहत राज्य सरकार की अनुमति अनिवार्य है।

जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह तरकर ने बताया कि अदालत याचिका को लेकर एसटीएफ का पक्ष जानने 15 अप्रैल को सुनवाई करेगी।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के एसटीएफ ने आरोप पत्र दायर करके पीएफआई/सीएफआई के आठ सदस्यों के खिलाफ राजद्रोह, आपराधिक साजिश रचने, आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने और अन्य आरोप लगाए हैं।

भाषा सं मनीषा सिम्मी

सिम्मी

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)