रायपुर। मध्यप्रदेश में संविलियन आदेश का इंतजार कर रहे शिक्षाकर्मियों को थोड़ी निराशा हाथ लगी है। कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसले की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन फिलहाल इसे टाल दिया गया है, हालांकि कहा जा रहा है कि 29 मई को संविलियन आदेश जारी किया जा सकता है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मियों की भी शिवराज सरकार के फैसले का बेसब्री से इंतजार है। शिक्षाकर्मी मोर्चा ने मांग की है कि छत्तीसगढ़ सरकार मप्र से पहले संविलियन पर फैसला लेकर नजीर पेश कर सकते हैं। उधर, 26 मई को प्रस्तावित संविलियन संकल्प सम्मेलन से पहले शिक्षाकर्मी मोर्चा के संचालकों की बुधवार को राजधानी में बैठक बुलाई गई है।
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शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक विरेन्द्र दुबे ने कहा कि 26 मई के पहले मुख्यमंत्री के पास मौका है कि वे संविलियन के मामले भी छत्तीसगढ़ को अव्वल बना सकते हैं। मप्र के मुख्यमंत्री ने 29 मई को संविलियन आदेश जारी करने का भरोसा दिया है।
दुबे ने बताया कि 26 मई संविलियन संकल्प सभा की रणनीति और तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए शिक्षक पँ ननि मोर्चा की प्रान्तीय बैठक राजधानी में आहूत की गई है, जिसमें सभी 5 प्रान्त संचालक संजय शर्मा, विरेन्द्र दुबे, केदार जैन, विकास राजपूत, चन्द्रदेवराय उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह बैठक इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि संविलियन को लेकर शासन के टालमटोल रवैए से प्रदेश के शिक्षाकर्मियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लगातार अलग अलग अभियानों और कार्यक्रमों के जरिए अपनी संविलियन की मांग को मजबूत करते जा रहे हैं।
प्रान्तीय उपसंचालक धर्मेश शर्मा, चन्द्रशेखर तिवारी और जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि आगामी कार्यक्रम संविलियन संकल्प सभा की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। संविलियनगड़ी के माध्यम से हम प्रतिदिन सेल्फी विद कम्युनिटी, सेल्फी विद फैमिली, विडियो बनाओ-दुखड़ा सुनाओ, संविलियन पत्र, संविलियन दीप आदि नए नए मुहिम से संविलियन आज जनआंदोलन में परिणित हो चुका है। प्रत्येक शिक्षाकर्मी 50 मतदाता को जागरूक करने के संकल्प से प्रदेश के 90 लाख मतदाताओ तक पहुंचने की पूरी तैयारी कर चुका है।
वेब डेस्क, IBC24