‘देरी होने से पहले भाजपा से करें मेलमिलाप’ शिवसेना विधायक ने सीएम उद्धव ठाकरे को दी नसीहत, क्या महाराष्ट्र में सब कुछ ठीक है?

'देरी होने से पहले भाजपा से करें मेलमिलाप' शिवसेना विधायक ने सीएम उद्धव ठाकरे को दी नसीहत, क्या महाराष्ट्र में सब कुछ ठीक है?

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  • Publish Date - June 20, 2021 / 02:57 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

मुंबई: धनशोधन के आरोपों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की निगरानी का सामना कर रहे शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उनसे अपील की है कि ‘‘बहुत देर होने से पहले’’ भाजपा के साथ मेलमिलाप करना ही ठीक रहेगा। सरनाईक ने 10 जून के अपने पत्र में कहा है कि यद्यपि भाजपा से गठबंधन टूट गया है, लेकिन ‘युति’ (भाजपा-शिवसेना) के नेताओं के बीच व्यक्तिगत और सौहार्दपूर्ण संबंध बने हुए हैं। विधायक ने अपने पत्र में कहा है, ‘‘बहुत देर होने से पहले मेलमिलाप करना बेहतर रहेगा।’’ उद्धव ठाकरे नीत पार्टी के भाजपा के साथ गठबंधन से अलग होने के बाद शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर 2019 में महा विकास आघाड़ी सरकार बनाई थी।

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कांग्रेस ने सावधानी से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह शिवसेना का आंतरिक मामला है, जबकि राकांपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि वह नहीं जानते कि महाराष्ट्र में शिवसेना का कोई कार्यकर्ता कांग्रेस या राकांपा में जा रहा है। पिछले साल नवंबर में, ईडी ने एक सुरक्षा सेवा प्रदाता कंपनी और अन्य के खिलाफ धन शोधन के मामले की जांच के सिलसिले में महाराष्ट्र में सरनाईक से जुड़े परिसरों पर छापा मारा था। शिवसेना ने तब छापेमारी की कार्रवाई को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ बताया था और कहा था कि महाराष्ट्र सरकार या उसका कोई नेता किसी के दबाव में समर्पण नहीं करेगा।

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यह उल्लेख करते हुए कि मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई शहरों में नगर निकाय चुनाव होने हैं, सरनाईक ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘अभिमन्यु और कर्ण की तरह स्वयं का बलिदान करने की जगह मैं अर्जुन की तरह युद्ध लड़ने में विश्वास करता हूं। यही कारण है कि अपने नेताओं या सरकार से कोई मदद लिए बिना मैं पिछले सात महीने से अपनी कानूनी लड़ाई लड़ रहा हूं।’’ ठाणे जिले से विधायक सरनाईक ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और राकांपा शिवसेना में दरार डालने का काम कर रही हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फिर से हाथ मिलाना बेहतर रहेगा क्योंकि शिवसैनिकों को लगता है कि यह मेरे जैसे, अनिल परब और रवींद्र वायकर जैसे शिवसेना नेताओं को समस्याओं से बचाएगा।’’ उल्लेखनीय है कि भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि उक्त तीनों शिवसेना नेता भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त हैं। सरनाईक ने अपने पत्र में सोमैया का नाम नहीं लिखा, लेकिन कहा कि ‘‘एक नेता जो शिवसेना की वजह से ‘पूर्व सांसद’ हो गए हैं’’ पार्टी की छवि खराब कर रहे हैं।

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उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना विधायकों को लगता है कि पार्टी के लोगों का काम नहीं हो रहा और केवल कांग्रेस तथा राकांपा के विधायकों का काम ही हो रहा है। सरनाईक ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे जहां केवल कोविड-19 के उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस अगले चुनाव में अकेले लड़ने की बात कर रही है तथा राकांपा शिवसेना कार्यकर्ताओं को ‘‘तोड़ने’’ और उन्हें शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल करने में व्यस्त है। इस बीच, सोमैया ने सरनाईक के पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शिवसेना विधायक अब जेल को लेकर चिंतित हैं और इसीलिए उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकरे से प्रधानमंत्री मोदी तथा भाजपा से हाथ मिलाने को कहा है।

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भाजपा नेता ने एक बयान में कहा, ‘‘शिवसेना के सभी भ्रष्ट नेता-प्रताप सरनाईक, अनिल परब और रविंद्र वायकर जेल जाएंगे।’’ सोमैया ने यह भी कहा कि उन्होंने सरनाईक के पिछले 100 दिन से ‘‘लापता’’ होने के बारे में ठाणे स्थित एक थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पत्रकारों से बात करते हुए, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यह शिवसेना का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अन्य दलों के आंतरिक मामलों पर प्रतिक्रिया नहीं देती है।’ महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा, “ अब सरनाईक जो कह रहे हैं वह हम पिछले 18 महीने से कह रहे हैं। राजनीति में शिवसेना का उदय कांग्रेस और राकांपा की मुस्लिम तुष्टीकरण नीति के विरोध के कारण हुआ है। आप (शिवसेना) सत्ता के लिए इन पार्टियों के पास गए। शिवसैनिक के पत्र पर उद्धव ठाकरे फैसला लेंगे।”

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शिवसेना सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि पत्र में मुख्य बात यह है कि सरनाईक और अन्य को जांच एजेंसियां बेवजह परेशान कर रही हैं। उन्होंने कहा ‘… कौन (उत्पीड़न) कर रहा है, सवाल यह है?’ राकांपा के जयंत पाटिल ने कहा, ‘महाराष्ट्र में कहीं भी, शिवसेना के कार्यकर्ता कांग्रेस या राकांपा में शामिल नहीं हुए हैं। हमें यह देखना होगा कि क्या सरनाईक के निर्वाचन क्षेत्र में ऐसा प्रयास (शिवसेना कार्यकर्ताओं को तोड़ने का) किया गया था।’

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