विदिशा।मध्यप्रदेश के विदिशा रेलवे स्टेशन पर आज प्रदर्शनकारियों का जबरदस्त हंगामा देखने को मिला।बताया जा रहा है कि लगभग डेढ दर्जन से अधिक चिटफंड कंपनियों को सरकार ने बंद कर दिया है। जिसके चलते उसमें में काम कर रहे एजेंट्स को नहीं मिल रहा था वेतन और निवेशकों का पैसा भी डूबा है। इसके विरोध के चलते कई दिनों से शहर में कर रहे थे प्रदर्शन और आज प्रदेश से आये एजेंट्स का गुस्सा फूटा और उन्होंने विदिशा रेलवे स्टेशन पहुंच कर ट्रेनों को रोकने की कोशिश की भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्रदर्शनकारियों को हटाया गया है।
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ज्ञात हो कि चिटफंड कंपनियों के नाम पर लोगों का पैसा हजम करने वाली कंपनियों को केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है और ऐसे ही लगभग डेड दर्जन कंपनियों में काम करने वाले एजेंट्स को न तो वेतन ही मिला है और न ही लोगों का निवेश करवा चुके खातेदारों का पैसा ही वापस हुआ है। इसको लेकर निवेशक इन एजेंट्स पर पैसा वापसी का दबाव बना रहे हैं और ऐसे मे पैसा न मिलने से ये एजेंट्स परेशान हो उठे हैं अपनी मांगों को लेकर शहर के कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर रहे थे और सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश से इकट्ठा हुए चिटफंड कंपनियों के इन एजेंट्स का गुस्सा फूटा और ये लोग जा पहुंचे विदिशा रेलवे स्टेशन पर जहां इन्होंने जमकर हंगामा किया।
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जिसके बाद विदिशा कोतवाली, सिविल लाइन थाना, जीआरपी तथा आरपीएफ चारों थानों से पुलिस बल बुलवाया गया. तब तक प्रदर्शनकारियों ने रेलवे पटरियों पर लेटकर ट्रेनों को रोकने की कोशिश की भारी हंगामे के बीच अफरातफरी मच गई कुछ महिलाएं ट्रेन के नीचे कटकर अपनी जान देने की बात कहती रही. जिसके बाद आननफानन मे एडीशनल एसपी, सीएसपी, एसडीएम सहित बड़ा पुलिस अमला स्टेशन पर पहुंचा.. तब कहीं जाकर मामला शांत हो सका..प्रशासन द्वारा प्रदर्शनकारियों को आश्वासन देने के बाद ही वह रेलवे ट्रेक से हटे.
इस दौरान एक प्रदर्शनकारी रीना यादव,ने बताया कि मैं दस साल से कंपनी में काम कर रही हूं.. मैंने लाखों रुपए उसमें डाल दिए आज मेरे पति ने घर से भी मुझे बाहर निकाल दिया है. मेरे तीन बच्चे को लेकर अकेली रह रहीं हूँ.. मेरे पास कोई रोजगार नहीं है मैं बच्चों की फीस भी नहीं भर पा रही हूं.. आज हमसे कुछ नहीं कहा जा रहा है.. मेरे चार लाशें गिरेंगी आज..मेरे तीन बच्चों की और मेरी खुद.. मैं तो मरने आई हूँ।
वेब डेस्क IBC24