जहां किराए पर मिलती हैं पत्नियां, मंडी में कुंवारी लड़कियां भी होती हैं और किसी की पत्नी भी, स्टाम्प पर होता है सालाना करार…देखिए

जहां किराए पर मिलती हैं पत्नियां, मंडी में कुंवारी लड़कियां भी होती हैं और किसी की पत्नी भी, स्टाम्प पर होता है सालाना करार...देखिए

जहां किराए पर मिलती हैं पत्नियां, मंडी में कुंवारी लड़कियां भी होती हैं और किसी की पत्नी भी, स्टाम्प पर होता है सालाना करार…देखिए
Modified Date: November 29, 2022 / 08:33 pm IST
Published Date: February 17, 2020 10:48 am IST

शिवपुरी। भारतीय संस्कृति की दुनियाभर जहां एक अलग पहचान है वहीं इस देश में कुछ कुरीतियां भी है जो दुनिया में चर्चा कारण भी बनती है। प्राचीन काल से चली आ रही एक कुप्रथा आज भी जारी है। नए भारत में महिला सशक्तिकरण की बात भी हो रही है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए नए-नए कानून भी बन रहे हैं, ऐसे में देश में एक ऐसी प्रथा है जो हमें सोचने पर मजबूर करती है। और यह प्रथा है किराए पर पत्नी की।

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किराए पर पत्नी मिलने की बात अजीब जरूर लगती है लेकिन किसी सच्चाई को छिपाया भी नही जा सकता। बात मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की है, जहां दशकों पहले शुरू हुई ये कुप्रथा आज भी चल रही है। शिवपुरी जिले में यह कुप्रथा धड़ीचा प्रथा के नाम से जानी जाती है। यहां लोग पैसे देकर दूसरों की बीवी, बहू या फिर बेटी को किराए पर एक साल या फिर इससे कम समय के लिए ले जा सकते हैं। लड़कियों और महिलाओं को किराए पर देने के लिए यहां हर साल मंडी लगती है, दूर-दूर से खरीदार अपने लिए पत्नी किराए पर लेने आते हैं, सौदा तय होने के बाद खरीदार पुरुष और बिकने वाली महिला के बीच 10 रुपए से लेकर 100 रुपए के स्टांप पेपर पर करार किया जाता है।

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जिस किसी को भी जितने समय के लिए लड़की चाहिए वह पैसे देकर ले जाता है और उतने समय लड़की को अपने पास रखता है, बाद में उसे वापस छोड़ जाता है। जानकारी के मुताबिक मंडी में लड़कियों की कीमत 15 हजार रुपए से शुरू होकर 4 लाख रुपए तक हो सकती है, खरीदार लड़कियों की चाल-ढाल और खूबसूरती देखकर उनकी कीमत लगाते हैं, मंडी में कुंवारी लड़कियां भी होती हैं और किसी की पत्नी भी, करार की अवधि समाप्त होने के बाद महिला की फिर दूसरे पुरुष से शादी हो जाती है। पहले वाला पुरुष ही महिला को रखना चाहता है तो उसे फिर से मोटी रकम अदा करनी होती है।

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महिला चाहे तो करार को बीच में भी तोड़ सकती है, अगर महिला ऐसा करती है तो उसे स्टांप पेपर पर शपथपत्र देना होता है। इसके बाद उसे तय राशि पति को लौटानी पड़ती है, ऐसा देखा गया है कि दूसरे पुरुष से ज्यादा रकम मिलने पर भी महिला करार तोड़ देती है। मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि गुजरात के भी कुछ इलाकों में ऐसे मामले सामने आए हैं, हालांकि कुछ इलाके में यह एक व्यापार बन गया है, कई मामले ऐसे भी सामने आते हैं जिनमें महिलाओं को मात्र 500 रुपए में दूसरे आदमी को बेच दिया जाता है, इसका सबसे बड़ा कारण गरीबी और लिंगानुपात में कमी भी है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com