(Share Market Updates 26 May, Image Credit: IBC24 News Customize)
Share Market Updates 26 May: भारतीय स्टॉक मार्केट की शुरुआत आज मजबूती के साथ होने की संभावना जताई जा रही है। गिफ्ट निफ्टी करीब 24,920 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है, जो पिछले निफ्टी फ्यूचर्स के बंद भाव से करीब 40 अंक ऊपर है। यह संकेत करता है कि निवेशकों के बीच बाजार को लेकर भरोसा मजबूत बना हुआ है।
ग्लोबल लेवल पर भी बाजार का माहौल सकारात्मक दिख रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूरोपीय यूनियन पर शुल्क लगाने के फैसले को टालने के बाद एशियाई बाजारों में तेजी देखने को मिली। जापान का निक्केई 225 करीब 0.49% ऊपर बंद हुआ, वहीं टॉपिक्स इंडेक्स में 0.45% की बढ़त रही। दक्षिण कोरिया के कोस्पी और कोस्डैक इंडेक्स में क्रमशः 0.55% और 0.95% का उछाल देखा गया। हालांकि, हांगकांग के हैंग सेंग फ्यूचर्स ने कमजोर शुरुआत की ओर संकेत दिए।
शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार पर दबाव रहा। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूरोपीय वस्तुओं पर 50% शुल्क लगाने की सिफारिश के चलते व्यापारिक तनाव बढ़ा, जिससे वॉल स्ट्रीट में बिकवाली देखने को मिली। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 256 अंक यानी 0.61% गिरकर 41,603.07 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 में 0.67% की गिरावट आई और यह 5,802.82 पर बंद हुआ। वहीं नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स 188 अंक या 1% गिरकर 18,737.21 पर पहुंचा।
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने जानकारी दी है कि भारत अब जापान को पीछे छोड़ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि, भारत की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर चुकी है और जल्द ही जर्मनी को भी पीछे छोड़ देगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025 के लिए सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का सरप्लस ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है। यह पिछले वर्ष के 2.1 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड से लगभग 27% अधिक है, जो सरकारी खजाने के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है।
हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक, 16 मई को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 4.88 अरब डॉलर घटकर 685.73 अरब डॉलर पर आ गया है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा भंडार भारत के आगामी 10–12 महीनों के आयात खर्च को कवर करने के लिए पर्याप्त है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।