Stock Market Outlook: RBI की पॉलिसी से आर्थिक आंकड़ों तक, इस हफ्ते बाजार पर किसका पड़ेगा ज्यादा असर?

Stock Market Outlook: RBI की पॉलिसी से आर्थिक आंकड़ों तक, इस हफ्ते बाजार पर किसका पड़ेगा ज्यादा असर?

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  • Publish Date - June 1, 2025 / 02:46 PM IST,
    Updated On - June 1, 2025 / 02:46 PM IST

(Stock Market Outlook, Image Credit: IBC24 News Customize)

HIGHLIGHTS
  • RBI की मौद्रिक नीति पर 6 जून को फैसला आने वाला है।
  • GDP ग्रोथ दर वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5% रही।
  • एफआईआई निवेश, मानसून की स्थिति और वैश्विक संकेतकों पर रहेगी बाजार की नजर।

Stock Market Outlook: इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार की दिशा कई बड़े कारकों पर निर्भर करेगी, जिनमें RBI की ब्याज दरों पर होने वाला फैसला, नए आर्थिक आंकड़ों का प्रकाशन और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बन रहे रुझान प्रमुख हैं। वहीं, बाजार विश्लेषकों का मानना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की चाल और शुल्क नीति से जुड़े घटनाक्रम भी निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।

विश्लेषकों की टिप्पणियां

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष का कहना है कि निवेशकों की नजर मुख्य रूप से 6 जून को आने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा पर टिकी रहेगी। इसके अलावा, जून महीने की शुरुआत में वाहन बिक्री के आंकड़े और अन्य प्रमुख आर्थिक संकेतक जैसे औद्योगिक गतिविधि के आंकड़े भी जारी होंगे। साथ ही मानसून की प्रगति और FII की निवेश गतिविधियां भी बाजार की चाल को प्रभावित कर सकती हैं। वैश्विक मोर्चे पर, अमेरिकी बॉन्ड बाजार में उठापटक और व्यापार वार्ताओं की दिशा भी भारतीय बाजार पर प्रभाव डाल सकती है।

तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था

वित्त वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने अनुमान से अधिक तेजी दिखाई है, जिससे पूरे वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की विकास दर 6.5% तक पहुंच गई है। इससे भारत का आर्थिक आकार अब 3.9 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया है। केवल जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में ही जीडीपी ग्रोथ 7.4% रही है। इस हफ्ते विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के लिए पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जैसे आंकड़े भी बाजार सहभागियों के लिए बहुत महत्व रखेंगे।

ब्याज दरों पर नजर

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के संपदा प्रबंधन शोध प्रमुख के अनुसार, इस सप्ताह की मुख्य चर्चा केंद्रीय बैंक की रेपो रेट में संभावित कटौती को लेकर होगी। ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के चलते खासकर सरकारी बैंकों और रियल एस्टेट जैसे ब्याज-संवेदनशील क्षेत्रों में हलचल बढ़ सकती है। इसके अलावा, ऑटो सेक्टर में मासिक बिक्री आंकड़ों के आधार पर भी क्षेत्रीय रूप से तेज गतिविधि देखी जा सकती है।

पिछले सप्ताह का बाजार प्रदर्शन

पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स में 270.07 अंकों यानी 0.33% की गिरावट देखी गई, जबकि एनएसई निफ्टी 102.45 अंक या 0.41% नीचे बंद हुआ। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के शोध का कहना है कि बाजार में एक चौथाई प्रतिशत रेपो रेट में कटौती की उम्मीद बनी हुई है। इसके चलते ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों पर निवेशकों की खास नजर बनी रहेगी। मजबूत आर्थिक आंकड़े निवेशकों के आत्मविश्वास को और मजबूत कर सकते हैं। इस सप्ताह शेयर बाजार कई घरेलू और वैश्विक घटनाक्रमों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करेगा। निवेशक इन संकेतों के आधार पर अपने फैसले लेंगे और यह सप्ताह बाजार में तेज उतार-चढ़ाव ला सकता है।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति की घोषणा कब होगी?

RBI की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा 6 जून को घोषित की जाएगी।

किन क्षेत्रों पर ब्याज दर में बदलाव का असर सबसे अधिक पड़ेगा?

सरकारी बैंक, रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल जैसे ब्याज दर के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों पर इसका असर ज्यादा दिखेगा।

क्या वैश्विक संकेत भी भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित करेंगे?

हां, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड, व्यापार वार्ताएं और वैश्विक आर्थिक घटनाक्रम भारतीय बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं।

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