(Zoho Mail, Image Credit: x.com)
नई दिल्ली: Zoho Mail: केंद्र सरकार ने अपने आधिकारिक ईमेल प्लेटफॉर्म को लेकर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब तक नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) द्वारा संचालित यह सिस्टम, एक नई पहल के तहत तमिलनाडु की देसी टेक कंपनी Zoho Corporation को सौंपा गया है। इस बदलाव से लगभग 12 लाख केंद्रीय कर्मचारी प्रभावित होंगे।
3 अक्टूबर को शिक्षा मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर सभी विभागों को Zoho Suite को अपनाने के निर्देश दिए। इस बदलाव का उद्देश्य विदेशी और ओपन-सोर्स टूल्स के स्थान पर स्वदेशी और अधिक सुरक्षित तकनीक को प्रोत्साहित करना है। उनका यह कदम डिजिटल इकोसिस्टम की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
सरकार ने इस फैसले से पहले NIC और CERT-In जैसे साइबर सुरक्षा संगठनों से विचार-विमर्श किया। इसके साथ ही सॉफ्टवेयर क्वालिटी सिस्टम्स (SQS) के माध्यम से समय-समय पर सिक्योरिटी ऑडिट की कराए जाएंगे। पूर्व IAS अधिकारी के.बी.एस. सिद्धू ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भारत में मौजूद डेटा सेंटर्स की स्वतंत्र और नियमित जांच महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि सभी संचारों में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि डेटा लीक की संभावनाओं को खत्म किया जा सके।
अब से Zoho सात साल के अनुबंध के तहत सरकारी ईमेल सिस्टम का संचालन करेगा, हालांकि ईमेल आईडी पहले की तरह ही @nic.in डोमेन पर ही रहेंगी। वर्ष 1976 से अब तक NIC इस सेवा की मुख्य धुरी रही है, लेकिन अब संचालन Zoho के पास आ गया है।
Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने बताया कि उनकी कंपनी का बुनियादी मॉडल ‘विश्वास’ पर आधारित है। उन्होंने आश्वस्त किया कि Zoho यूजर्स का डेटा कभी भी मार्केटिंग या किसी थर्ड पार्टी के साथ शेयर नहीं करता। साथ ही, सभी एप्लिकेशनों में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लागू किया जा रहा है।
यह फैसला AIIMS दिल्ली पर नवंबर 2022 में हुए साइबर हमले के बाद लिए गए व्यापक डिजिटल सुरक्षा समीक्षा का परिणाम है। इसके बाद डिजिटल इंडिया कारपोरेशन ने फरवरी 2023 में एक सुरक्षित क्लाउड सेवा के लिए टेंडर जारी किया था। Zoho को उसी प्रक्रिया के तहत चुना गया है।