CG PSC Scam: अपनी करतूत छिपाने PSC ने नहीं दी आंसर शीट, आयोग के अंदर चल रहे गोरखधंधे को फोटोकॉपी ने किया उजागर |

CG PSC Scam: अपनी करतूत छिपाने PSC ने नहीं दी आंसर शीट, आयोग के अंदर चल रहे गोरखधंधे को फोटोकॉपी ने किया उजागर

Chargesheet on CG PSC Scam : अपनी करतूत को जगजाहिर होने से बचाने के लिए PSC ने भले आंसर शीट की फोटोकापी देने पर बंदिश लगा दी थी, लेकिन कुछ छात्रों की आंसर शीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं....जिसने आयोग के अंदर चल रहे गोरखधंधे को उजागर कर दिया...।

Edited By :   Modified Date:  March 5, 2024 / 01:26 PM IST, Published Date : March 5, 2024/1:22 pm IST

CG PSC Scam: रायपुर: कहते हैं कि सच उस बीज के समान होता है जिसे कोई चाहे कितनी भी गहराई में दफना दे, लेकिन वो एक ना एक दिन ऊग ही जाता है…। कुछ ऐसा ही हुआ छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा 2021 के मामले में…। अपनी करतूत को जगजाहिर होने से बचाने के लिए PSC ने भले आंसर शीट की फोटोकापी देने पर बंदिश लगा दी थी, लेकिन कुछ छात्रों की आंसर शीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं….जिसने आयोग के अंदर चल रहे गोरखधंधे को उजागर कर दिया…।

सोशल मीडिया में वायरल छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा 2021 की ये वो कथित आंसर शीट्स हैं..जिसने आयोग को कठघरे में खड़ा कर दिया है…। दरअसल इन आंसर शीट्स में छत्तीसगढ़ पीएससी का पूरा गोलमाल दर्ज है…। सोशल मीडिया में वायरल इन आंसर शीट्स के हवाले से मीडिया रिपोर्ट छपने और भाजपा की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेस लिए जाने के बावजूद कभी आयोग ने इन आंसर शीट्स के फर्जी होने का दावा नहीं किया…। सोशल मीडिया पर वायरल इन कथित आंसर शीट्स के हवाले से भाजपा की ओर से लगाए गए आरोपों के मद्देनजर इन पर नजर डालना दिलचस्प होगा…।

गलत जवाब पर मिले फुल मार्क

अब आप जरा इस उत्तरपुस्तिका पर दर्ज इस सवाल के जवाब पर नजर डालिए…सवाल पूछा गया था कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम बताएं… जवाब लिखा गया बोर्ड, माउस, प्रिंटर….। जबकि प्राइमरी क्लास के बच्चे भी बता देंगे कि ये हार्डवेयर पार्ट हैं, ना कि ऑपरेटिंग सिस्टम….। लेकिन इस जवाब को फुल मार्क मिला..।

अब इस जवाब को देखिए…कूनो अभयारण्य को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दिया गया कि कूनो असम राज्य में स्थित है…जबकि ये अभयारण्य इतना चर्चित रहा था कि सब जानते हैं कि ये मध्यप्रदेश में है..। इस गलत जवाब को भी पूरे नंबर दिए गए…।

हद तो ये रही कि नंबर देने में अंग्रेजी और हिंदी में भी भेद बरता गया…। यकीन नहीं आए तो इस सवाल के जवाब को देखिए। सामाजिक अनुसंधान में वैज्ञानिक पद्धति के प्रमुख चरणों पर सवाल पूछा गया…हिंदी मीडियम की छात्रा ने प्वाइंट वाईज फुल लेंथ में जवाब लिखा, और उसे नंबर मिले 4…लेकिन इस सवाल के जवाब में अंग्रेजी मीडियम छात्र ने महज 5 लाइनें लिखीं…लेकिन नंबर मिले 5….।

अब इस जवाब पर भी नजर डालिए…सवाल छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारी महावीर सिंह के बारे में था लेकिन जवाब वीर नारायण सिंह के बारे में दिया गया…लेकिन फिर भी नंबर मिल गए…। एक छात्र ने गणित के सवाल का गलत जवाब दिया लेकिन फिर भी उसे अंक पूरा मिला..जबकि सही जवाब देने वालों के नंबर काट दिए गए…। इन वायरल आंसर शीट् के आधार पर सामने आई गड़बड़ियों को लेकर मौजूदा वित्त मंत्री और पूर्व आईएएस ओपी चौधरी ने तब प्रेस कांफ्रेस कर पीएससी पर हमला बोला था…।

यहां ये बताना जरूरी है कि पीएससी भर्ती परीक्षा की कॉपी तीन अलग-अलग चरणों में जांची जाती है…। कॉपी स्कैन कर ऑनलाइन चेकिंग के लिए एक्जामिनर, डिप्टी एक्जामिनर और हेड एक्जामिनर के पास भेजी जाती है। लेकिन हैरानी की बात ये रही कि तीनों ने ही एक समान नंबर दिए…गलत आंसर में अंक दिए जाने पर भी किसी एक्जामिनर ने आपत्ति नहीं जताई..। इससे साफ है कि सबकुछ मिलीभगत से चल रहा था….।

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करीबी रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने रचा गया षड़यंत्र ?

अब सवाल उठता है कि क्या ये पूरा खेल केवल अपने करीबी रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए रचा गया या इसका दायरा इससे कहीं ज्यादा बड़ा था…। इसका पूरा खुलासा तो CBI जांच के बाद ही होगा लेकिन PSC के अंदरखाने चल रही चर्चा बताती है कि यहां पदों की नीलामी का पूरा सिस्टम लागू है…..

पीएससी अभ्यर्थियों का आरोप है कि एक-एक पोस्ट के लिए 75 से 80 लाख रुपए में सौदा किया गया..। आरोप के मुताबिक पीएससी के टॉप लेवल के अधिकारी रेट तय करते थे..फिर चुनिंदा कोचिंग संचालक को बुलाकर प्रश्न पत्र दिखा दिया जाता था। कोचिंग संचालक उन प्रश्नों को नोट कर लेता था और फिर अभ्यर्थियों से पोस्ट का सौदा किया जाता था…। डील फाइनल करने वाले छात्रों को गोपनीय स्थान पर बुलाकर जवाब लिखने की तैयारी कराई जाती थी…। बताया जाता है कि इसके लिए राजधानी रायपुर के आउटर में बनी एक फॉर्म हाउस का इस्तेमाल किया जाता था..। यही नहीं बल्कि जो छात्र तैयारी कराने के बावजूद परीक्षा में लिख पाने में नाकाम रहते थे…उन्हें केवल रोल नंबर लिखकर कॉपी ब्लैंक छोड़ देने के लिए कहा जाता था….। बाद में उस कॉपी में जवाब भर दिए जाते थे।

इंटरव्यू निकालने के लिए भी तैयार था पूरा सिस्टम

यही नहीं बल्कि रिटन एग्जाम पास करने के बाद इंटरव्यू निकालने के लिए भी पूरा सिस्टम तैयार था…। पीएससी भर्ती परीक्षा के इंटरव्यू के लिए अलग-अलग बोर्ड गठित किए गए थे. आरोप के मुताबिक जिन उम्मीदवारों से डील फाइनल हो जाती थी उनके लिए खास बोर्ड में इंटरव्यू का इंतजाम किया जाता था…।

बहरहाल इन आरोपों में कितनी सच्चाई है ये तो जांच एजेंसियों की जांच के बाद साफ हो ही जाएगा….लेकिन कई ऐसे मुद्दे हैं जो छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता और साख पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं…। सवाल यह है कि संवैधानिक संस्था होने और परीक्षा प्रक्रिया तय करने का सर्वोच्च अधिकार रखने के बावजूद यह संस्था आज तक कोई पारदर्शी और भरोसेमंद परीक्षा प्रणाली क्यों नहीं बना सकी…? सवाल ये भी है कि प्रिलिम्स के बाद मॉडल आंसर शीट जारी करने की परंपरा क्यों बंद कर दी गई? संशोधित मॉडल आंसर से परीक्षार्थियों को क्यों वंचित किया गया? आरटीआई के तहत टॉपर छात्रों की कॉपी देने में आनाकानी क्यों की जाती है?

इन सवालों का जवाब मिलना ना केवल छात्रों के भविष्य के लिए बल्कि खुद छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की साख और गरिमा के लिए भी निहायत जरूरी है..।

तो देखा आपने कि छत्तीसगढ़ PSC अपनी कार्यप्रणाली के चलते कैसे सवालों के घेरे में आ गई है…। लेकिन अब PSC पर चौतरफा शिकंजा कस चुका है…। सरकार तो CBI की जांच का ऐलान सत्ता में आते ही कर चुकी है…अब EOW और पुलिस ने भी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए अपनी जांच शुरू कर दी है…।

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पीएससी भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई से कराने का ऐलान

छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने चुनाव के दौरान किए गए अपने वादे पर अमल करते हुए पीएससी भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई से कराने का ऐलान कर दिया है…। गृह विभाग ने सीबीआई निदेशक को जांच के लिए चिट्ठी लिख दी है..। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य की जांच एजेंसी ईओडब्लू ने भी पीएससी भर्ती घोटाले मामले में आयोग के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत कई अधिकारियों,नेताओं और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है..। सरकार ने साफ कह दिया है कि कोई गुनहगार बचेगा नहीं…। लेकिन कांग्रेस इसके पीछे सियासत देख रही है..।

अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ धारा 420 और भ्रष्टाचार पर मुकदमा दर्ज

कांग्रेस भले कार्रवाई के पीछे सियासत तलाश रही हो लेकिन पीएससी भर्ती घोटाले के गुनहगारों के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। इधर इस मामले में पुलिस की भी इंट्री हो गई है। बालोद के अर्जुंदा थाने में अभ्यर्थी नितेश की शिकायत पर पीएससी के तत्कालीन चेयरमेन टामन सिंह सोनवानी के अलावा सचिव, परीक्षा नियंत्रक समेत अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ धारा 420 और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है…।

पुलिस का फोकस जालसासी पर है कि आखिर कैसे इतने बड़ी गड़बड़ियों को अंजाम दिया गया। इसीलिए बालोद पुलिस ने पीएससी को चिटठी लिखकर परीक्षा में चयनित लोगों के दस्तावेज और परीक्षा प्रक्रिया मांग ली है..। पुलिस ने पूछा है कि परीक्षा की प्रक्रिया क्या थी, कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी इसमें शामिल रहे, 2019 से लेकर 2023 तक आयोग में कौन-कौन पदस्थ रहे और उनकी जिम्मेदारी क्या थी..।

तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी की संपत्ति की भी जानकारी खंगाल रही सरकार

इधर सरकार तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी की संपत्ति की भी जानकारी खंगाल रही है। उसके भाई और रिश्तेदारों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है…। जांच फिलहाल जारी है लेकिन मुख्य आरोपी तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है..। माना जा रहा है कि इस जांच की लपेट में पीएसी के तमाम बड़े पदाधिकारियों के अलावा राजनीतिक रसूख रखने वाले लोग भी आएंगे….जिसका खुलासा सोनवानी की गिरफ्तारी के बाद होने वाली पूछताछ में हो ही जाएगा..।

राजेश राज, आईबीसी 24, रायपुर