Madhya Pradesh Foundation Day: खंडवा-देवास में बन रहा ओंकारेश्वर अभयारण्य, सीएम ने खुद की घोषणा, बताया क्यों होगा यह खास…
मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर राज्यवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज खंडवा में ओंकारेश्वर अभयारण्य बनाने की घोषणा की।
Madhya Pradesh Foundation Day
- मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर अभयारण्य की घोषणा
- CM डॉ. मोहन यादव ने की घोषणा
- मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर घोषणा
Madhya Pradesh Foundation Day: मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर राज्यवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज खंडवा में ओंकारेश्वर अभयारण्य बनाने की घोषणा की। यह घोषणा प्रदेश के वन संरक्षण और जैव विविधता को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। केंद्रीय और राज्य स्तरीय अधिकारियों के बीच समन्वय से प्रस्तावित यह अभयारण्य 611 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला होगा और इसमें खंडवा और देवास के वन क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।
सीएम ने की घोषणा
Madhya Pradesh Foundation Day: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश की वन संपदा और जैव विविधता हमारे लिए गर्व की बात है। ओंकारेश्वर अभयारण्य के निर्माण से वन्य जीवों के संरक्षण, पर्यावरण संतुलन और पर्यटन के क्षेत्र में भी नये अवसर उत्पन्न होंगे। उन्होंने कहा कि यह अभयारण्य न केवल वन्य जीवों के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों और किसानों के लिए भी रोजगार और आय के अवसर बढ़ाएगा।
कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने दी जानकारी
Madhya Pradesh Foundation Day: कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने इस अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि ओंकारेश्वर अभयारण्य का क्षेत्र खंडवा और देवास जिलों के हरे-भरे वन क्षेत्रों को मिलाकर निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि अभयारण्य में वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएंगे और पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। मंत्री ने यह भी बताया कि अभयारण्य में आने वाले पर्यटक विशेष गाइड और सुविधा केंद्रों के माध्यम से वन जीवन का आनंद उठा सकेंगे, जिससे पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में वन और पर्यावरण संरक्षण को लेकर राज्य सरकार गंभीर है। प्रदेश में जैव विविधता और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए कई पहल की जा रही हैं और ओंकारेश्वर अभयारण्य इसका एक बड़ा उदाहरण होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस अभयारण्य के संरक्षण में सहयोग दें और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित बनाएं।
इन्हें भी पढ़ें :-

Facebook



