पहलगाम हमले के बाद आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर को अग्रिम जमानत मिली

पहलगाम हमले के बाद आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर को अग्रिम जमानत मिली

पहलगाम हमले के बाद आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में असिस्टेंट प्रोफेसर को अग्रिम जमानत मिली
Modified Date: June 9, 2025 / 11:38 pm IST
Published Date: June 9, 2025 11:38 pm IST

लखनऊ, नौ जून (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायलय की लखनऊ पीठ ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट करने की आरोपी लखनऊ विश्वविद्यालय की भाषा विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर माद्री काकोटी को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है।

पीठ ने मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 25 अगस्त तय की है।

न्यायमूर्ति राजीव सिंह की अवकाशकालीन एकल पीठ ने सोमवार को यह आदेश दिया। प्रो.काकोटी के अधिवक्ता एसएमएच रिजवी ने बताया कि पीठ ने अंतरिम अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए कहा कि वादी (प्रो. काकोटी) की ओर से मुख्य तर्क यह रखा गया कि उनका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है और न ही उन्होंने कभी किसी धरना-प्रदर्शन आदि में भाग लिया है।

 ⁠

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के महानगर सहमंत्री ​​मनमोहन शुक्ला ने इस सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सहायक प्रोफेसर पर देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालने का आरोप लगाते हुए हसनगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

उक्त मामले में अन्य धाराओं के साथ पुलिस ने बीएनएस की धारा 152 भी लगाई थी जिसके तहत आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। कहा गया कि उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा था कि धर्म पूछकर गोली मारना आतंकवाद है, धर्म पूछकर पीट-पीटकर हत्या करना और नौकरी से बर्खास्त करना भी आतंकवाद है।

राज्य सरकार की ओर से अग्रिम जमानत का विरोध किया गया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उच्च न्यायालय ने प्रो. काकोटी की अंतरिम अग्रिम जमानत अगली सुनवाई तक मंजूर कर ली।

भाषा सं आनन्द राजकुमार

राजकुमार


लेखक के बारे में