अयोध्या कोर्ट को बम से उड़ाने की साजिश! जिला जज को मिला धमकी भरा पत्र

Ayodhya: blow up Ayodhya court with bomb : अयोध्या कोर्ट को बम से उड़ाने की साजिश! जिला जज को मिला धमकी भरा पत्र

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  • Publish Date - June 13, 2022 / 07:52 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:57 PM IST

Ayodhya latest news 2022 : नई दिल्ली। देश के कई राज्यों और जिलों में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। अलग-अलग राज्यों में पथराव-आगजनी और दंगे हो रहे हैं। ऐसे में देश के सबसे संवेदनशील जिलों में से एक अयोध्या से बड़ी खबर सामने आ रही है। राम नगरी अयोध्या के फैजाबाद कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है।

दरअसल, उत्तरप्रदेश के अयोध्या पुलिस को एक धमकी भरा पत्र मिला है। इस पत्र में फैजाबाद कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इसके बाद सुरक्षा के नजर से पुलिस की सतर्कता बढ़ा दी गई है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। ये धमकी किसी की शरारत है या साजिश इसकी जांच की जा रही है। जब तक पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती कुछ कहा नहीं जा सकता। फिलहाल कोर्ट परिसर व आसपास के इलाके में सुरक्षा चाक चौबंद कर दी गई है।

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अबतक नहीं मिला कोई सुराग

बताया जा रहा है कि धमकी भरा पत्र पर भेजने वाले का नाम राशिद पुत्र याकूब निवासी दौलतपुर थाना पूराकलंदर लिखा हुआ था। इसके बाद पूराकलंदर पुलिस ने राशिद नाम के व्यक्ति को पकड़कर सिटी कोतवाली पुलिस को सौंप दिया था। जिसके बाद पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। राशिद को पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद से पुलिस इस मामले की लगातार जांच कर रही है लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

बता दें ये धमकी भरा पत्र 2 जून को जिला जज को भेजा गया था। ये पत्र किसने भेजा इस बारे में अभी तक अयोध्या पुलिस को कुछ भी पता नहीं चल सका है। धमकी मिलने के 6 दिन बाद कोर्ट चौकी इंचार्ज विनय कुमार ने जो केस दर्ज कराया, उसमें कहा गया है कि राशिद के नाम का दुरुपयोग कर अज्ञात व्यक्ति ने पत्र भेजा है। पत्र में फैजाबाद कोर्ट को 1 सप्ताह में बम से उड़ाने की बात लिखी थी।

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शरारत है या साजिश?

दरअसल, रजिस्टर्ड डाक से धमकी भरा पत्र मिलने के बाद जिला जज ने अयोध्या SSP शैलेश पांडे को जानकारी दी थी। इसके बाद मामले की जांच शुरू की गई। इसी के साथ कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हालांकि, पत्र में भेजने वाले का जो नाम व पता लिखा था, उसे पुलिस ने पकड़कर पूछताछ की तो उसे पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसलिए उसे छोड़ दिया गया। फिलहाल पुलिस पत्र की जिस डाकघर से रजिस्ट्री हुई है, जिस समय हुई है, इन बिंदुओं को लेकर जांच कर रही है। हालांकि 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ कोई सबूत नहीं लगा। इतना ही नहीं अभी तक यह पता नहीं चला है कि इस घटना के पीछे कोई शरारत है या किसी की सोची समझी साजिश।

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