Ayodhya Ram Mandir: चंद्र ग्रहण पर अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों के पट बंद, रामलला के दर्शन पर रोक, कल मंगला आरती के बाद खुलेंगे पट

Ayodhya Ram Mandir: चंद्र ग्रहण पर अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों के पट बंद, रामलला के दर्शन पर रोक, कल मंगला आरती के बाद खुलेंगे पट

  • Reported By: Apurva Pathak

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  • Publish Date - September 7, 2025 / 03:04 PM IST,
    Updated On - September 7, 2025 / 03:04 PM IST

Ayodhya Ram Mandir/Image Source: IBC24 

HIGHLIGHTS
  • अयोध्या में चंद्र ग्रहण का असर,
  • रामलला समेत सभी मंदिरों के पट बंद,
  • सूतक के बाद होगी शुद्धि,

अयोध्या: Ayodhya Ram Mandir:  रामनगरी अयोध्या से बड़ी खबर सामने आ रही है। आज देर रात लगने जा रहे चंद्र ग्रहण के चलते अयोध्या के प्रमुख मंदिरों के पट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं। इनमें श्रीराम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, कनक भवन सहित सभी प्रमुख मठ-मंदिर शामिल हैं।

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Ayodhya Ram Mandir:  पंडितों और धर्माचार्यों के अनुसार, आज रात 9 बजकर 57 मिनट पर चंद्र ग्रहण लगेगा जो कि रात 1 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण काल से ठीक 9 घंटे पहले यानी दोपहर 12:30 बजे से सूतक काल प्रारंभ हो गया है। सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं और किसी भी प्रकार की पूजा-अर्चना या दर्शन पर रोक लगा दी गई है।

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Ayodhya Ram Mandir:  चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद, कल सुबह सरयू जल से मंदिर परिसरों की शुद्धि की जाएगी। श्रीरामलला सहित सभी देव विग्रहों को सरयू जल से स्नान कराया जाएगा। इसके उपरांत मंगला आरती और श्रृंगार आरती के साथ मंदिरों के पट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे।

"चंद्र ग्रहण अयोध्या मंदिर बंद" का समय कब से है?

A1: सूतक काल दोपहर 12:30 बजे से प्रारंभ हुआ है और चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।

क्या "श्रीराम जन्मभूमि मंदिर" में पूजा-अर्चना की अनुमति है ग्रहण के दौरान?

A2: नहीं, ग्रहण काल में किसी भी प्रकार की पूजा-अर्चना या दर्शन की अनुमति नहीं है।

"सूतक काल" का महत्व क्या होता है ग्रहण में?

A3: सूतक काल धार्मिक दृष्टि से अशुद्ध समय माना जाता है। इस दौरान भोजन, पूजा, और मूर्ति दर्शन वर्जित होते हैं।

"चंद्र ग्रहण" के बाद मंदिर कब खुलेंगे अयोध्या में?

A4: ग्रहण समाप्ति के बाद मंदिर परिसरों की शुद्धि कर, अगली सुबह मंगला आरती के बाद कपाट खोले जाएंगे।

"सरयू जल" से शुद्धि क्यों की जाती है?

A5: सरयू नदी को पवित्र माना जाता है, और धार्मिक अनुष्ठानों के अनुसार, ग्रहण के बाद मंदिर परिसर और देव विग्रहों की शुद्धि इसी जल से की जाती है।