जाली पैन कार्ड मामले में आजम खान और उनके बेटे को अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा

जाली पैन कार्ड मामले में आजम खान और उनके बेटे को अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा

जाली पैन कार्ड मामले में आजम खान और उनके बेटे को अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा
Modified Date: November 17, 2025 / 05:27 pm IST
Published Date: November 17, 2025 5:27 pm IST

रामपुर (उप्र), 17 नवंबर (भाषा) रामपुर की एक स्थानीय अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे एवं पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को चुनाव लड़ने के लिए जाली पैन कार्ड बनवाने के मामले में सोमवार को दोषी करार देते हुए सात–सात साल कैद की सजा सुनाई।

अभियोजन अधिकारी राकेश कुमार मौर्य के अनुसार, विशेष सांसद-विधायक (एमपी–एमएलए) अदालत के न्यायाधीश शोभित बंसवाल ने दोनों को दोषी ठहराते हुए सात–सात साल कैद और 50–50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

मौर्य ने बताया कि 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं वर्तमान में रामपुर से विधायक आकाश सक्सेना ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया था।

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शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला आजम के पहले पैन कार्ड में उनकी जन्मतिथि एक जनवरी 1993 दर्ज थी, जिसके अनुसार उनकी उम्र 25 वर्ष नहीं थी और वह 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे।

आरोप है कि आजम खान ने अपने बेटे को चुनाव लड़वाने के लिए दूसरा पैन कार्ड बनवाया, जिसमें जन्म वर्ष 1990 दर्ज कराया गया।

इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान प्रतिभूति की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज हुआ था।

अभियोजन अधिकारी के अनुसार, अदालत ने माना कि अब्दुल्ला ने अपने पिता के साथ मिलकर ‘‘साजिश’’ रचते हुए जाली पैन कार्ड प्राप्त किया और उसे आधिकारिक रिकॉर्ड में जमा किया।

मौर्य ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष इस फैसले की समीक्षा करेगा और यदि आवश्यकता महसूस हुई तो सजा बढ़ाने के लिए अपील दायर करने पर विचार किया जाएगा।

सजा सुनाए जाने के बाद गिरफ्तारी के सवाल पर मौर्य ने स्पष्ट किया, “हां, बिल्कुल।”

विभिन्न मामलों में आरोपी आजम खान करीब 23 महीने तक जेल में रहने के बाद इस साल सितंबर में सीतापुर कारागार से रिहा किये गये थे। वहीं, अब्दुल्ला भी एक मामले में करीब नौ माह पहले हरदोई जेल से छूटे थे।

भाषा सं. सलीम खारी

खारी


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