Khap Panchayat bans Smartphones: 18 साल से कम उम्र वालों के लिए मोबाइल रखना मना.. भारत के इस राज्य में लिया गया बड़ा फैसला

बागपत से लोकसभा सांसद राजकुमार सांगवान ने कहा कि खाप चौधरियों की यह चिंता उचित है। सामाजिकता और संस्कृति बनी रहनी चाहिए, इससे देश और समाज मजबूत होता है।

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  • Publish Date - December 28, 2025 / 06:15 AM IST,
    Updated On - December 28, 2025 / 06:41 AM IST

UP Khap Panchayat bans Smartphones || Image- File Photo

HIGHLIGHTS
  • 18 वर्ष से कम बच्चों पर स्मार्टफोन प्रतिबंध
  • सार्वजनिक स्थानों पर हाफ पैंट पहनने पर रोक
  • गांव और घरों में विवाह कराने की वकालत

UP Khap Panchayat bans Smartphones: बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में शनिवार को हुई खाप पंचायत में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को स्मार्टफोन रखने और सार्वजनिक स्थानों पर हाफ पैंट पहनने पर रोक लगाने का निर्णय किया गया। साथ ही पंचायत में बारात घर में विवाह के आयोजन पर यह कहते हुए आपत्ति की गई कि विवाह गांवों और घरों में होने चाहिए। खाप ने लड़कों के लिए कुर्ता पायजामा और लड़कियों के लिए सलवार कुर्ता की वकालत की।

‘समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है’ : खाप पंचायत

थाम्बा पट्टी मेहर देशखाप के चौधरी बृजपाल सिंह और खाप चौधरी सुभाष चौधरी ने पंचायत में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि खाप चौधरियों का मानना है कि लड़के और लड़कियां समाज में समान हैं और अनुशासन के नियम दोनों पर समान रूप से लागू होने चाहिए। पंचायत का मत था कि लड़कों द्वारा हाफ पैंट पहनकर सार्वजनिक स्थानों पर घूमना सामाजिक मर्यादाओं के विपरीत है और इससे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पंचों ने स्पष्ट किया कि 18 वर्ष से कम उम्र के लड़कों को स्मार्टफोन देना उचित नहीं है।

UP Khap Panchayat bans Smartphones: शादी-विवाह से जुड़े फैसलों पर पंचायत में कहा गया कि बारात घर में होने वाली शादियों से पारिवारिक जुड़ाव कमजोर होता है और इससे वैवाहिक संबंधों में तनाव पैदा होता है। इस कारण शादियां गांव और घरों में ही संपन्न होनी चाहिए। हालांकि पंचायत ने व्हाट्सऐप के माध्यम से शादी के निमंत्रण कार्ड स्वीकार करने पर सहमति जताई। खाप नेताओं ने बताया कि पंचायत में लिए गए फैसलों को लागू कराने के लिए गांव-गांव जाकर ग्राम समाज के जिम्मेदार लोगों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। इन निर्णयों को समाज के हित में पूरे उत्तर प्रदेश में लागू कराने के प्रयास किए जाएंगे और अन्य खापों से भी संपर्क कर इसे एक अभियान का रूप दिया जाएगा।

‘साधारण कपड़े पहनना सामाजिक दृष्टि से आवश्यक ‘ : खाप पंचायत

स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग पर चिंता जताते हुए खाप चौधरियों ने कहा कि बहुत कम बच्चे मोबाइल का सही इस्तेमाल पढ़ाई के लिए करते हैं, जबकि ज्यादातर समय बच्चे मोबाइल में व्यस्त रहते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है और वे बड़ों की बात मानने से भी इनकार करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि घर के भीतर पहनावे पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर मर्यादित और साधारण कपड़े पहनना सामाजिक दृष्टि से आवश्यक है।

UP Khap Panchayat bans Smartphones: इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी यशपाल सिंह ने भी पंचायत के फैसलों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि खाप पंचायतें समाज की जमीनी हकीकत को समझते हुए फैसले लेती हैं और उनका उद्देश्य युवाओं को सही दिशा देना है। यशपाल सिंह ने कहा कि आज के दौर में बच्चों और युवाओं में अनुशासन और सामाजिक संस्कारों की आवश्यकता पहले से अधिक है। बागपत से लोकसभा सांसद राजकुमार सांगवान ने कहा कि खाप चौधरियों की यह चिंता उचित है। सामाजिकता और संस्कृति बनी रहनी चाहिए, इससे देश और समाज मजबूत होता है। सांगवान ने कहा कि युवाओं को संस्कार और संस्कृति से जोड़ने के लिए खाप चौधरी निरंतर काम करते हैं इसलिए उनकी बातों को सम्मान दिया जाना चाहिए।

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Q1. खाप पंचायत ने बच्चों के स्मार्टफोन पर रोक क्यों लगाई?

खाप पंचायत मानती है स्मार्टफोन बच्चों की पढ़ाई, अनुशासन और व्यवहार को प्रभावित करते हैं

Q2. पंचायत गांव-घर में शादी पर क्यों जोर दे रही है?

पंचायत मानती गांव-घर में विवाह से पारिवारिक जुड़ाव मजबूत होता और रिश्तों में तनाव कम

Q3. क्या ये फैसले पूरे उत्तर प्रदेश में लागू होंगे?

खाप नेताओं ने कहा गांव-गांव संवाद कर अन्य खापों के सहयोग से अभियान चलाया जाएगा