Balrampur Dharm Parivartan News: 'ब्राह्मण, क्षत्रिय, सरदार लड़कियों के लिए 16 लाख...पिछड़ी जाति के लिए 12 लाख' / Image source: X
बलरामपुर: Balrampur Dharm Parivartan News देश के कई राज्यों में इन दिनों धर्मांतरण का खेल तेजी से चल रहा है। हालांकि पुलिस धर्मांतरण करवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, बावजूद इसके धर्म परिवर्तन का खेल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण करवाने वाले गिरोह का भांडाफोड़ किया है। इस दौरान एटीएस की टीम ने जमालुद्दीन उर्फ छंगुर बाबा को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि छांगुर बाबा लड़कियों को बहला-फुसलाकर जबरन इस्लाम कबूल करवाता था। फिलहाल एटीएस की टीम आगे की कार्रवाई कर रही है।
Balrampur Dharm Parivartan News मिली जानकारी के अनुसार खुफिया सूत्रों की सूचना के आधार पर एटीएस की टीम ने बलरामपुर के मधपुर गांव निवासी ‘हाजी पीर जमालुद्दीन बाबा’ के ठिकानों पर दबिश दी। इस दौरान एटीएस की टीम को कई संदिग्ध सामान मिले। बताया गया कि छांगुर बाबा लंबे समय उटरौला कस्बे में सक्रिय था और यहां लोगों को बहला फुसलाकर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करता था। वहीं, अगर कोई मना कर दे तो उसे झूठे केस में फंसाकर कोर्ट के चक्कर कटवाता था। बताया गया कि कोर्ट में भी छांगुर बाबा के नेटवर्क फैला हुआ था तो इस्लाम अपनाने से मना करने वालो प्रताड़ित करता था।
पुलिस जांच में सामने आया कि इस्लाम अपनाने वालों के लिए छांगुर बाबा ने बकायदार रेट कार्ड बना रखा था। रेट कार्ड के अनुसार ब्राह्मण, क्षत्रिय, सरदार लड़कियों के लिए 15-16 लाख रुपए, पिछड़ी जातियों के लिए 10-12 लाख और अन्य वर्गों के लिए 8-10 लाख रुपए दिए जाते थे। उसके नेटवर्क में मुंबई के एक सिंधी परिवार-नवीन घनश्याम, उनकी पत्नी नीतू रोहरा और बेटी समाले रोहरा को भी धर्मांतरण के जरिए जोड़ा गया, जो अब बलरामपुर में उसी के पते पर रहते थे।
जांच के दौरान ये बात भी सामने आई कि इस्लामिक धर्म प्रचारक के तौर पर छांगुर बाबा ने 40 से 50 बार इस्लामिक देशों की यात्रा की और बलरामपुर में शोरूम, बंगले और लग्जरी गाड़ियां खरीदीं। छांगुर बाबा के नेटवर्क को देखते हुए इस बात से इंकार नहीं किया सकता है कि उन्हें धर्म परिवर्तन करवाने के लिए विदेशों से भी फंडिंग आती थी। जांच में यह भी सामने आया है कि इस गिरोह ने 40 से अधिक बैंक खातों के ज़रिए करीब 100 करोड़ रुपए का लेन-देन किया। फंडिंग मुख्य रूप से खाड़ी देशों से की गई थी।