लखनऊ, 24 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि यदि कोई व्यक्ति सरकारी जमीन या किसी पौराणिक स्थल पर कब्जा करेगा तो उसके खिलाफ सरकार का बुलडोजर जरूर चलेगा और उसे कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर हर व्यक्ति को न्याय दिलाया है और प्रदेश में बने सुरक्षा के माहौल ने ही उत्तर प्रदेश को लेकर दुनिया का नजरिया बदला है।
विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई माफिया सरकारी जमीन पर कब्जा कर जबरन शॉपिंग मॉल बनाए या कोई व्यक्ति अनैतिक गतिविधियों में लिप्त पाया जाए, तो उस पर बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा का वातावरण सभी के लिए जरूरी है और इसी ने प्रदेश की छवि बदली है।
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय से मुखातिब होते हुए आदित्यनाथ ने कहा, “मैं समाजवादी पार्टी और विपक्ष से कहना चाहूंगा कि इधर-उधर की बातें मत कीजिए, यह बताइए कि काफिला क्यों लुटा?”
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी तितर-बितर और अस्त-व्यस्त हो चुकी है और उसने पूरे प्रदेश के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया। उसने अराजकता का जो तांडव खड़ा किया था उसके लिए कौन दोषी था? दुर्दांत माफिया और अपराधियों के प्रति सरकार की क्या नीति होनी चाहिए, सरकार ने वह करके भी दिखाया है।’’
उन्होंने कहा कि 2017 में भाजपा सरकार बनने से पहले उत्तर प्रदेश के बारे में लोगों की धारणा अच्छी नहीं थी, लेकिन अब राज्य में सुरक्षा का बेहतरीन माहौल है।
महिला सुरक्षा के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी को घेरते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “न्याय कैसे होता है… आप ही की पार्टी से चुनी गई सदस्य पूजा पाल को आप न्याय नहीं दिला पाए, क्योंकि आप में हिम्मत नहीं थी। माफिया के सामने झुकना आपकी मजबूरी थी।’’
किसी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, “आप गुंडों और माफियाओं के सामने एक गरीब बेटी को न्याय नहीं दे पाए। आप पीडीए (सपा का पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक का नारा) की बात करते हैं, क्या वह पीडीए का हिस्सा नहीं थी?”
आदित्यनाथ ने कहा, “न्याय कैसे होता है, यह हमारी सरकार ने तय किया है। बेटी सत्ता पक्ष की हो या विपक्ष की, उसे हर हाल में न्याय मिलेगा।”
उन्होंने सपा विधायक विजमा यादव का उल्लेख करते हुए कहा कि जब वह अपने पति जवाहर पंडित की हत्या के दोषी भाजपा नेता उदयभान करवरिया की सजा माफ किए जाने पर न्याय की गुहार लेकर आई थीं, तब सरकार ने उन्हें सुरक्षा देने का आश्वासन दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा, “विजमा यादव को भी मैंने बुलाया था। मैंने उनसे कहा था कि आपको सुरक्षा हम देंगे। क्योंकि केवल एक सदस्य की बात नहीं, आपके और मेरे समर्थक की बात नहीं है, सत्ता पक्ष और विपक्ष के समर्थकों की बात नहीं है। देश की हर बेटी, हर व्यापारी और हर नागरिक को सुरक्षा का माहौल मिलना चाहिए। यह सरकार की प्राथमिकता में है।’’
सरकारी जमीनों और स्मारकों पर अवैध कब्जों के खिलाफ सख्ती दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “कब्जा कोई भी करेगा, किसी भी स्मारक पर किसी भी पौराणिक स्थल पर, वह कोई भी होगा उसको छोडूंगा तो नहीं।’’
पूर्ववर्ती सपा सरकार की परियोजनाओं में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र 175 करोड़ रुपये की परियोजना थी, जिस पर 860 करोड़ रुपये खर्च हुए फिर भी वह अधूरी है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह गोमती रिवरफ्रंट परियोजना 167 करोड़ रुपये की थी, जिस पर 1,400 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन वह भी पूरी नहीं हो सकी।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा सरकार ने 340 किलोमीटर की योजना 15,200 करोड़ रुपये में बनाई थी, जबकि मौजूदा सरकार ने इसे पुनः डिज़ाइन कर 341 किलोमीटर लंबा और 120 मीटर चौड़ा एक्सप्रेसवे 11,800 करोड़ रुपये में पूरा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सुशासन नहीं, बल्कि देश और जनता के साथ मजाक था। भ्रष्टाचार इसलिए पनपा क्योंकि इरादे साफ नहीं थे।’’
पूर्ववर्ती सरकार पर नौकरी देने में भेदभाव का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं में गुस्सा इसलिए था क्योंकि भर्तियों की सूची जाति और पहचान के आधार पर पहले ही तैयार हो जाती थी।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों का उल्लेख करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि वहां एक दलित हिंदू युवक को जिंदा जला दिया गया, लेकिन विपक्ष इस पर चुप रहता है।
उन्होंने कहा कि यह राजनीति नहीं, बल्कि तुष्टीकरण की सच्चाई है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष से कहा कि जब उनकी सरकार रोहिंग्या और अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी तो वे उसका विरोध न करें।
उन्होंने कहा कि हर मामले की जांच की जाएगी।
भाषा सलीम खारी
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