योगी सरकार का बड़ा ऐक्शन, अब ‘हलाल सर्टिफाइड’ उत्पाद बेचने वालों की खैर नहीं, यूपी में लगा बैन
हलाल प्रमाण पत्र देकर धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने पर मामला दर्ज
Halal certified edible items banned : लखनऊ, 18 नवंबर । उत्तर प्रदेश: खाद्य आयुक्त कार्यालय ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि, “सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में उत्तर प्रदेश में हलाल प्रमाणित खाद्य पदार्थों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है।”
Uttar Pradesh | Food Commissioner's Office issues order, "In the interest of public health, production, storing, distribution and sale of halal certified edible items banned in Uttar Pradesh with immediate effect." pic.twitter.com/G9GXLPj83n
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 18, 2023
धार्मिक भावनाओं के साथ कथित रूप से खिलवाड़
धर्म विशेष के ग्राहकों को हलाल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराकर बिक्री बढ़ाने के लिए लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ कथित रूप से खिलवाड़ करने को लेकर एक कंपनी और कुछ अन्य संगठनों के खिलाफ पुलिस ने यहां मामला दर्ज किया है। लखनऊ के ऐशबाग में मोतीझील कॉलोनी के निवासी शैलेंद्र कुमार शर्मा की शिकायत पर शुक्रवार को हजरतगंज थाने में यह मामला दर्ज किया गया।
यह मामला भादंसं की धाराओं 120बी (आपराधिक षड्यंत्र का अपराध), 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्यता को बढ़ावा देने), 298 (धार्मिक भावनाएं आहत करने के इरादे से शब्द आदि कहना), 384 (फिरौती), 420 (धोखाधड़ी), 471 (फर्जी दस्तावेज को असली जैसा उपयोग करना) और 505 (लोगों को बेवकूफ बनाने वाले बयान) के तहत दर्ज किया गया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुम्बई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सामाजिक वैमनस्यता बढ़ाते हुए फर्जी प्रमाण पत्र
प्राथमिकी के हवाले से कहा गया कि ये कंपनियां और संगठन न केवल वित्तीय लाभ के लिए बल्कि सामाजिक वैमनस्यता बढ़ाते हुए फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर रहे हैं और हलाल प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं। शिकायतकर्ता ने कहा है कि जिन अन्य कंपनियों के पास हलाल प्रमाण पत्र नहीं हैं, उनके उत्पादों की बिक्री घटाने के प्रयास के तहत ऐसा किया जा रहा है जो अवैध है।
आशंका है कि इस अवैध कमाई से आतंकवादी संगठनों एवं राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का वित्त पोषण किया जा रहा है। दिलचस्प है कि शाकाहारी उत्पादों जैसे तेल, साबुन, मंजन और शहद के लिए हलाल प्रमाण पत्र की कोई जरूरत नहीं है, लेकिऩ इन उत्पादों के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी कर समुदाय विशेष और इसके उत्पादों को निशाना बनाया जा रहा है।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि मजहब की आड़ लेकर एक वर्ग विशेष में अनर्गल प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है कि ऐसे उत्पाद का प्रयोग न करें जिसे इनकी कंपनी द्वारा हलाल प्रमाणपत्र न दिया गया हो। परिणाम स्वरुप दूसरे समुदाय विशेष के व्यावसायिक हितों का नुकसान हो रहा है।
इस प्रकार आम नागरिकों के लिये उपयोग होने वाली वस्तुओं पर भी हलाल प्रमाण पत्र जारी कर अनुचित आर्थिक लाभ कमाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।
शिकायतकर्ता ने उक्त लोगों द्वारा करोड़ों रुपये का अनुचित लाभ भी कमा कर उससे आतंकवादी संगठनों एवं राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की ‘फन्डिंग’ किये जाने की आशंका भी जताई है।
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