‘सपा, बसपा और कांग्रेस करती है तेज पत्ते की तरह इस्तेमाल, उपयोग के बाद फेंक देती है बाहर’, पार्टी छोड़ने के बाद आजम खान के करीबी का बयान

Fashat Ali join BJP मुसलमानों को ठगने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन पार्टियों ने चुनाव में मुसलमानों का ठीक वैसे ही इस्तेमाल किया जैसा कि बिरयानी में तेज पत्ते का किया जाता है।

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  • Publish Date - November 21, 2022 / 07:55 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

Fashat Ali join BJP

Fashat Ali join BJP: रामपुर। उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ने के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां के मीडिया प्रभारी फ़साहत अली ‘शानू’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए है। कभी आजम खां के बेहद करीबी सहयोगी माने जाने वाले फसाहत अली भाजपा के प्रान्तीय अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। यह घटनाक्रम आजम खां के लिए एक झटका माना जा रहा है।

बीजेपी का नेतृत्व देख हुए प्रभावित

Fashat Ali join BJP: भाजपा में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में अली ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व को देखते हुए भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब रामपुर में नगर निकाय और वार्ड स्तर तक हर जगह कमल खिलेगा।

तेज पत्ते की तरह करते है इस्तेमाल

Fashat Ali join BJP: उन्होंने सपा, बसपा और कांग्रेस पर मुसलमानों को ठगने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन पार्टियों ने चुनाव में मुसलमानों का ठीक वैसे ही इस्तेमाल किया जैसा कि बिरयानी में तेज पत्ते का किया जाता है। उन्होंने कहा कि बिरयानी बनने के बाद तेज पत्ते को निकालकर फेंक दिया जाता है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि अली के साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हुए हैं और वह भाजपा परिवार में सबका स्वागत करते हैं।

पहले भी विवादो में रहे है शानू

Fashat Ali join BJP:  गौरतलब है कि फसाहत अली शानू ने इस साल के शुरू में हुए प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद आजम खां को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाये जाने को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तल्ख टिप्पणियां की थी। उन्होंने मुसलमानों का दर्द बयां करते हुए कहा था, ‘‘अब्दुल ही दरी बिछाएगा। अब्दुल ही वोट देगा और अब्दुल ही जेल जाएगा, लेकिन मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ही बनेंगे।’’

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