काशी में बाढ़ का असर : घाटों के बजाय छतों पर हो रहा है शवदाह

काशी में बाढ़ का असर : घाटों के बजाय छतों पर हो रहा है शवदाह

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  • Publish Date - August 28, 2025 / 11:32 AM IST,
    Updated On - August 28, 2025 / 11:32 AM IST

वाराणसी (उप्र), 28 अगस्त (भाषा) वाराणसी में उफनाई गंगा की बाढ़ से घाटों पर व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई है। घाटों के निचले हिस्सों में पानी भर जाने की वजह से आरती और शवदाह का काम छतों पर किया जा रहा है।

गंगा का जलस्तर पिछले कुछ दिनों में घटने के बाद एक बार फिर से बढ़त की ओर है। गंगा का जलस्तर बृहस्पतिवार की सुबह चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर को पार कर 70.91 मीटर पहुंच गया। अब यह जलस्तर खतरे के बिंदु 71.262 मीटर के नजदीक पहुंच गया है।

आरती का आयोजन करने वाली संस्था ‘गंगा सेवा निधि’ के व्यवस्थापकों ने बृहस्पतिवार को बताया कि दशाश्वमेध घाट के निचले हिस्सों में बाढ़ का पानी भर जाने की वजह से पारंपरिक आरती अब भी छतों पर हो रही है।

उन्होंने बताया कि निचला हिस्सा पानी में डूबने की वजह से हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट पर शवदाह कार्य छतों पर हो रहा है। दशाश्वमेध घाट पर स्थित शीतला माता मंदिर जलमग्न है।

जिला प्रशासन ने नदियों के बढ़ते जलस्तर और जिले में संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए संबंधित विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों को राहत शिविरों के परिसरों और शौचालयों की समुचित साफ-सफाई सुनिश्चित करने, जलजमाव वाले क्षेत्रों में एंटी-लार्वा छिड़काव और फॉगिंग नियमित रूप से कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही बाढ़ राहत शिविरों को पुनः सक्रिय किया जा रहा है।

गंगा के साथ-साथ वरुणा नदी भी उफान पर है, जिससे तटवर्ती इलाकों की स्थिति फिर से बिगड़ने लगी है। शक्कर तालाब, पुराना पुल, नक्खी घाट, पुलकोहना और दीनदयालपुर जैसे क्षेत्रों में पानी प्रवेश कर रहा है। बाढ़ के कारण 100 से अधिक लोगों को मजबूरन अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है।

भाषा सं सलीम मनीषा

मनीषा