मऊ (उप्र), 27 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में पुलिस ने न्यायिक प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल करके आरोपियों की जमानत लेने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर इस सिलसिले में नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और इसकी नजर आमतौर पर उन आरोपियों पर रहती थी, जो अदालत में पेशी के दौरान जमानत पाने के लिए मुचलके का इंतजाम नहीं कर पाते थे।
उन्होंने कहा कि इसके बाद गिरोह के सदस्य धन लेकर नकली या अप्रमाणित मुचलके के जरिये तुरंत जमानत की पेशकश करते थे, ऐसे मामलों में यह गिरोह तुरंत जमानत दिलाकर अपराधियों को राहत पहुंचाता था।
पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) अंजनी कुमार पांडेय ने बताया कि पुलिस को तब संदेह हुआ जब कई गंभीर मामलों में अपराधियों को बेहद तेजी से जमानत मिलने लगी। गहन जांच में खुलासा हुआ कि इस अवैध गतिविधि में पेशेवर जमानतदारों का एक पूरा नेटवर्क शामिल है जो धन के बदले किसी भी अपराधी के लिए जमानत देने को तैयार रहता था।
उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक इलामारन के निर्देश पर जमानतदारों के सत्यापन का एक विशेष अभियान चलाया गया, जांच में यह सामने आया कि गिरोह में शामिल कई जमानतदार न तो संबंधित आरोपी को जानते थे और न ही उनकी पहचान या संपत्ति का कोई विश्वसनीय प्रमाण दे पा रहे थे।
पांडेय ने बताया कि गिरोह के सदस्य अपनी पहचान छुपाकर, फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके और पैसों के लिए पेशेवर तरीके से जमानत लेते थे। उन्होंने कहा कि यह कृत्य सीधे तौर पर पुलिस और न्यायिक व्यवस्था को भ्रमित करने वाला था।
उन्होंने बताया कि जांच के आधार पर कोतवाली पुलिस ने तारा देवी, रामधारी, चंद्रशेखर, सुमित्रा, दुर्ग विजय सिंह, मिस्रीलाल, रंजना, उदयभान यादव और शंकर नामक आरोपियों के खिलाफ फर्जी और अवैध तरीके से जमानत लेने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
उन्होंने बताया कि इस गिरोह में मऊ के अलावा गाजीपुर जिले के लोग भी शामिल पाए गए हैं।
भाषा सं. सलीम रंजन
रंजन