मैं मिट्टी में मिल गया हूं, अब मेरे परिवार की महिलाओं और बच्चों को परेशान ना करें : अतीक अहमद
मैं मिट्टी में मिल गया हूं, अब मेरे परिवार की महिलाओं और बच्चों को परेशान ना करें : अतीक अहमद
लखनऊ, 12 अप्रैल (भाषा) साबरमती सेंट्रल जेल से प्रयागराज ले जाए जा रहे गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि वह मिट्टी में मिल गया है और अब उसके परिवार की महिलाओं और बच्चों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
गुजरात की साबरमती जेल से लाए जा रहे अहमद ने रास्ते में पुलिस वैन के अंदर से मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, ‘हम आपके जरिये सरकार से कहना चाहते हैं, हम बिलकुल मिट्टी में मिल गए हैं अब हमारी औरतों और बच्चों को परेशान न करें।’
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद इस मामले पर समाजवादी पार्टी द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में अतीक अहमद की तरफ इशारा करते हुए कहा था, ‘हम इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे।’
अहमद ने एक सवाल पर कहा, ‘हमारी माफियागीरी तो पहले ही खत्म हो गई है। अब हमें बस रगड़ा जा रहा है।’
उमेश पाल हत्याकांड में वांछित अपने बेटे असद के बारे में पूछे जाने पर अहमद ने कहा, ‘हम क्या जाने..हम तो जेल में हैं।’
इससे पहले, अहमद ने दावा किया था कि गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल में उसे परेशान किया जा रहा है। उसने यह भी दावा किया कि उसका परिवार बर्बाद हो गया, लेकिन मीडिया की वजह से वह खुद सुरक्षित है।
अहमद ने पिछले महीने सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी के रूप में झूठा फंसाया गया है और उत्तर प्रदेश पुलिस उसे फर्जी मुठभेड़ में मार सकती है।
उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में उत्तर प्रदेश पुलिस का एक दल मंगलवार को अहमद के साथ गुजरात के अहमदाबाद शहर स्थित साबरमती सेंट्रल जेल से सड़क मार्ग से प्रयागराज के लिए रवाना हुआ।
पूर्व सांसद ने कहा, ‘मैं आप लोगों की वजह से सुरक्षित हूं। मैंने वहां (जेल के अंदर) से किसी को फोन नहीं किया क्योंकि वहां जैमर लगाए गए थे। मैंने कोई साजिश नहीं रची और पिछले छह साल से सलाखों के पीछे हूं।’
बुधवार को अहमद को प्रयागराज लेकर जा रहा पुलिस का काफिला सुबह करीब पौने आठ बजे झांसी से उत्तर प्रदेश की सीमा में दाखिल हुआ।
गौरतलब है कि 2005 में बहुजन समाज पार्टी विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस 26 मार्च को भी अहमद को अदालत में पेश करने के लिए साबरमती जेल से प्रयागराज लाई थी। प्रयागराज की एमपी/एमएलए अदालत ने 28 मार्च को 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में अहमद और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
अहमद को 29 मार्च को प्रयागराज से लगभग 24 घंटे की सड़क यात्रा करके यूपी पुलिस वैन में गुजरात की उच्च सुरक्षा वाली जेल में वापस भेजा गया था।
भाषा सलीम अर्पणा वैभव
वैभव

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