धन शोधन मामले में पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका नामंजूर

धन शोधन मामले में पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका नामंजूर

धन शोधन मामले में पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका नामंजूर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:20 pm IST
Published Date: October 31, 2022 10:26 pm IST

लखनऊ, 31 अक्टूबर (भाषा) लखनऊ की एक विशेष अदालत ने केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में जमानत याचिका सोमवार को नामंजूर कर दी। अदालत ने पिछली 12 अक्टूबर को इस मामले को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

विशेष न्यायाधीश (प्रवर्तन निदेशालय) संजय शंकर पांडे ने सोमवार को यह आदेश सुनाया। अदालत ने कहा कि धन शोधन से जुड़ा यह मामला गंभीर प्रकृति का है इसलिए कप्पन को जमानत नहीं दी जा सकती।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कप्पन को धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत एक मामले में आरोपी बनाया था। कप्पन पर अवैध तरीके से विदेश से धन हासिल करने और उसे राष्ट्र हित के खिलाफ गतिविधियों में इस्तेमाल करने का आरोप है।

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कप्पन और तीन अन्य लोगों को छह अक्टूबर 2020 को हाथरस में एक युवती की कथित रूप से सामूहिक बलात्कार के बाद हुई हत्या के मामले की कवरेज के लिए जाते वक्त गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस ने कप्पन पर पहले गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था। बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने भी उनके खिलाफ धन शोधन नियंत्रण कानून के तहत मामला दर्ज किया। ईडी ने अदालत में कहा था कि कप्पन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सक्रिय सदस्य हैं और उनसे वर्ष 2015 में दिल्ली में दंगे भड़काने के लिए कहा गया था।

जांच के दौरान एजेंसियों ने दावा किया था कि हाथरस मामले के बाद माहौल खराब करने के लिए पीएफआई सदस्यों को 1.38 करोड़ रुपये दिए गए थे। आरोप है कि कप्पन ने पीएफआई सदस्यों के काला धन को सफेद करने में मदद की थी।

कप्पन को यूएपीए से जुड़े मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिल चुकी है।

भाषा सं सलीम सुरभि

सुरभि


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