Merger of schools: राज्य सरकार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, 5000 स्कूलों के मर्जर के खिलाफ दायर याचिका खारिज

Merger of 5000 schools : 4 जुलाई को HC ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार का यह फैसला छात्रों के हित में है। अदालत नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेगी। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया है।

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  • Publish Date - July 7, 2025 / 08:54 PM IST,
    Updated On - July 7, 2025 / 09:04 PM IST

Patna Road Accident News/Image Credit: IBC24 File Photo

HIGHLIGHTS
  • हाईकोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों के विलय को वैध ठहराया
  • स्कूलों के विलय पर रोक वाली दोनों याचिकाएं खारिज
  • शिक्षा विभाग ने 16 जून, 2025 को जारी किया था आदेश

लखनऊ: Merger of 5000 schools, यूपी सरकार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। लखनऊ हाईकोर्ट ने यूपी के 5000 स्कूलों के मर्जर के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। स्कूलों के विलय के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी गई है। स्कूलों के विलय पर रोक वाली दोनों याचिकाएं खारिज हो गई हैं ।

Merger of schools, हाईकोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों के विलय को वैध ठहराया है। 4 जुलाई को HC ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार का यह फैसला छात्रों के हित में है। अदालत नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेगी। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया है।

दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून, 2025 को एक आदेश जारी किया था। जिसमें 50 से कम छात्रों की संख्या वाले यूपी के हजारों स्कूलों को नजदीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज करने का निर्देश दिया गया था। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा। जिसके बाद शिक्षक संगठनों ने हाईकोर्ट में इस निर्णय खिलाफ याचिका दायर की थी।

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सवाल: हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के स्कूल मर्जर के फैसले को क्यों सही ठहराया?

उत्तर: हाईकोर्ट ने माना कि यह सरकार का नीतिगत निर्णय है और यह छात्रों के हित में है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए यह फैसला संवैधानिक और वैध है, इसलिए इसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

सवाल: किन स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है?

उत्तर: उत्तर प्रदेश के वे सरकारी प्राथमिक स्कूल जिनमें 50 से कम छात्र हैं, उन्हें नजदीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज किया जा रहा है। यह आदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून, 2025 को जारी किया था।

सवाल: इस फैसले से छात्रों और शिक्षकों पर क्या असर होगा?

उत्तर: सरकार के अनुसार, इस मर्जर से छात्रों को बेहतर सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। वहीं शिक्षकों के लिए संसाधनों का समुचित उपयोग संभव होगा। हालांकि कुछ शिक्षक संगठनों का मानना था कि इससे स्थानांतरण और नियुक्तियों पर असर पड़ेगा, लेकिन कोर्ट ने इसे छात्रों के पक्ष में माना।

सवाल: याचिका किसने और क्यों दायर की थी?

उत्तर: शिक्षक संगठनों और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने याचिका दाखिल कर मर्जर आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। उनका तर्क था कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होगी और शिक्षकों की भूमिका कमजोर होगी।

सवाल: क्या इस फैसले के खिलाफ आगे अपील की जा सकती है?

उत्तर: जी हाँ, याचिकाकर्ता चाहें तो डिवीजन बेंच या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। लेकिन वर्तमान में लखनऊ हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा दिया गया फैसला सरकार के पक्ष में है और यह वैध और छात्रहित में माना गया है।