Fraud Case Update : पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी..! करोड़ो रुपए की धोखाधड़ी करने वाले का किया पर्दाफाश, अपराधी के पास मिली ये चीजें..
Mahoba Latest Fraud Case: फर्जी प्रपत्रों के सहारे 4 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी करने के मामले का आज पुलिस ने खुलासा किया है।
Mahoba Latest Fraud Case
महोबा से धमेंद्र कुमार की रिपोर्ट
Mahoba Latest Fraud Case : महोबा। महोबा में खनन फर्मों से जुड़े मैनेजर द्वारा फर्जी प्रपत्रों के सहारे 4 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी करने के मामले का आज पुलिस ने खुलासा किया है। खनन कार्य की रॉयल्टी में आने वाली रकम को फर्जी प्रपत्रों से अपने खाते में लेकर खनन कारोबारी के साथ अमानत में ख्यानत की है। जिसपर पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए देश के चार राज्यों में आरोपी की धरपकड़ के लिए दबिश भी दी। आखिरकार पुलिस की पांच टीमों का प्रयास कामयाब हुआ और 17 दिन के अंदर ही शातिर अपराधी को पुलिस ने धर दबौचा। पुलिस ने आरोपी के पास से एक करोड़ से अधिक की नगदी सहित लैपटॉप, 5 मोबाइल और चोरी की कार बरामद की है। पुलिस की इस कार्यकुशलता की खनन कारोबारियों ने जमकर प्रशंसा कर एसपी, एएसपी, सीओ सहित पुलिस टीम को सम्मानित किया है।
Mahoba Latest Fraud Case : दरअसल, आपको बता दे कि खनन के बड़े कारोबारी मध्य प्रदेश निवासी रसमीत सिंह मल्होत्रा जो एचएसएम होल्डिंग्स, सिल्वर मिस्ट रिटेल प्राइवेट लिमिटेड और रेवा शुगर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं। जिनके द्वारा महोबा में इन्हीं तीन फर्मों के नाम से खनन पट्टे स्वीकृत कर खनन का काम संचालित है। इन्ही फर्मों की देखरेख के लिए लखनऊ जनपद का निवासी सचिन प्रकाश बतौर मैनेजर काम करता चला आ रहा है लेकिन रसमीत सिंह मल्होत्रा को नहीं पता था कि जिस व्यक्ति पर भरोसा कर उसने मैनेजर जैसी जिम्मेदारी सौंपी है वही उसके साथ अमानत में ख्यानत की वारदात को अंजाम देगा। शातिर दिमाग मैनेजर ने खनन कारोबारी के भरोसे का फायदा उठाकर बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दें डाला।
बताया जाता है कि आरोपी मैनेजर सचिन प्रकाश ने कुत्रचित प्रपत्रों के जरिए कंपनी के चार करोड रुपए की धोखाधड़ी कर डाली। इस धोखाधड़ी की परते तब खुली जब खनन कारोबारी ने रकम के मिलान रजिस्टर चेक किया तो पता चला कि तकरीबन 4 करोड रुपए का कोई लेखा-जोखा नहीं मिल रहा है। इसे देख खनन कारोबारी के पैरों तले जमीन खिसक गई। यहीं नही फर्म के कार्यालय में रखी 8 लाख 5 हजार की नदी सहित कार से आरोपी मैनेजर फरार भी हो गया। ऐसे में पीड़ित खनन कारोबारी कारोबारी की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में ख्यानत की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
इस मामले के खुलासे के लिए पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता ने गंभीरता दिखाते हुए सर्विलांस, साइबर और शहर कोतवाली सहित पांच टीमों का गठन किया गया था। जिन्होंने देश के चार राज्यों हरियाणा, दिल्ली महाराष्ट्र और यूपी में जगह-जगह आरोपी मैनेजर की तलाश के लिए दबिश भी दी। आज पुलिस टीमों को सूचना मिली कि आरोपी मैनेजर अपना अन्य सामान उठाने बीजानगर रोड अपने किराए के मकान पर आया है। जिस पर पुलिस टीम ने घेराबंदी कर आरोपी को धर दबौचा।
आरोपी के पास से पुलिस ने 1करोड़ 9 लाख 92 हजार की नगदी सहित लैपटॉप, 5 मोबाइल और चोरी की कार बरामद की है। पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता बताती है कि आरोपी मैनेजर सचिन उक्त कंपनी में बतौर मैनेजर काम कर रहा था लेकिन इस दौरान शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय उसका काफी रुपए डूब गए जिसकी भरपाई को लेकर उसने अपने ही मालिक के साथ धोखधड़ी का ताना बाना बना लिया था। उसने कंपनी की रॉयल्टी बेंचकर उसका पैसा फर्जी प्रपत्रों के जरिए अपने खाते में डलवाता रहा लेकिन शातिर दिमाग को आखिरकार पुलिस ने पकड़ ही लिया है।

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