शिया समुदाय को भी मिले संसद में आरक्षण,मौलाना बोले – जो समुदाय सियासी रूप से मजबूत नहीं होता उसे लाभ नहीं मिलता…

शिया समुदाय को भी मिले संसद में आरक्षण,मौलाना बोले - जो समुदाय सियासी रूप से मजबूत नहीं होता उसे लाभ नहीं मिलता...

शिया समुदाय को भी मिले संसद में आरक्षण,मौलाना बोले –  जो समुदाय सियासी रूप से मजबूत नहीं होता उसे लाभ नहीं मिलता…
Modified Date: March 12, 2023 / 10:26 pm IST
Published Date: March 12, 2023 9:21 pm IST

लखनऊ । समुदाय की समस्याओं के हल और मौजूदा सूरतेहाल पर विचार विमर्श के लिए रविवार को लखनऊ में आयोजित शिया मुसलमानों के महासम्मेलन में सरकार से पारसी समुदाय की तरह शिया समुदाय को भी संसद में आरक्षण देने की मांग की गई। साथ ही समुदाय को विशेष पैकेज देने की भी मांग की गई। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद की अगुवाई में लखनऊ के बड़े इमामबाड़े में आयोजित इस सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से आए मौलवियों ने शिया समुदाय की समस्याओं पर विचार विमर्श किया साथ ही मौजूदा सूरते हाल पर भी गौर किया गया। मौलाना जवाद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लखनऊ में ही तीन विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां उम्मीदवारों की हार-जीत शिया मुसलमानों के वोट से ही तय होती है। उन्होंने कहा, ‘शिया समुदाय तय करता है कि लखनऊ में कौन चुनाव जीतेगा और फिर भी हमें नजरअंदाज किया जा रहा है।

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उन्होंने सरकार से मांग की कि वह शिया समुदाय को विशेष पैकेज देना चाहिए। मौलाना जवाद ने कहा, ‘‘शिया समुदाय का संसद में कोई प्रतिनिधि नहीं है। हमारी सरकार से मांग है कि वह पारसी समुदाय की तरह शिया समुदाय के लिए भी संसद में आरक्षण उपलब्ध कराएं।’’ उन्होंने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि शिया समुदाय के युवाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण, आर्थिक पैकेजों में आरक्षण, संसद और विधानसभा में आरक्षण मिलना चाहिए और सरकार को वक्फ संपत्ति से सभी अतिक्रमण को हटाना चाहिए।’ जवाद ने कहा कि शिया समुदाय को सरकार का फायदा लेने के लिए राजनीतिक रूप से मजबूत होने की जरूरत है। जो समुदाय सियासी रूप से मजबूत नहीं होता उसे कोई लाभ नहीं मिलता। जवाद ने कहा कि सरकार पसमांदा मुस्लिमों की बात करती रहती है, लेकिन असल में पसमांदा की बड़ी संख्या शिया समुदाय में है।

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