मायावती के भतीजे आकाश ने लगाई बसपा में वापस लिए जाने की गुहार

मायावती के भतीजे आकाश ने लगाई बसपा में वापस लिए जाने की गुहार

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  • Publish Date - April 13, 2025 / 07:19 PM IST,
    Updated On - April 13, 2025 / 07:19 PM IST

लखनऊ, 13 अप्रैल (भाषा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निष्कासित किए गए पार्टी प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने रविवार को अपनी ‘गलतियों’ की माफी मांगते हुए पार्टी में वापस लिये जाने की गुहार लगाई है।

आकाश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स पर की गई सिलसिलेवार पोस्ट में प्रण लेते हुए कहा कि वह अब भविष्य में अपने किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए किसी नातेदार और सलाहकार से कोई राय नहीं लेंगे।

आकाश ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उप्र की चार बार मुख्यमंत्री रही एवं लोकसभा व राज्यसभा की भी कई बार सदस्य रही आदरणीय बहन कुमारी मायावती जी को मैं अपना दिल से एकमात्र राजनीतिक गुरू व आदर्श मानता हूं। आज मैं यह प्रण लेता हूं कि बहुजन समाज पार्टी के हित के लिए मैं अपने रिश्ते-नातों को व खासकर अपने ससुराल वालों को कतई भी बाधा नहीं बनने दूंगा।’

उन्होंने इसी श्रृंखला की अगली पोस्ट में कहा, ‘यही नहीं बल्कि कुछ दिनों पहले किए गए अपने ट्वीट के लिए भी माफी मांगता हूं जिसकी वजह से आदरणीय बहन जी (मायावती) ने मुझे पार्टी से निकाल दिया है। आगे से इस बात को सुनिश्चित करूंगा कि मैं अपने किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए किसी भी नाते-रिश्तेदार और सलाहकार की कोई सलाह मशविरा नहीं लूंगा।’

आकाश ने कहा, ‘और सिर्फ आदरणीया बहन जी के दिए गए दिशा-निर्देशों का ही पालन करूंगा तथा पार्टी में अपने से बड़ों की व पुराने लोगों की भी पूरी इज्जत करूंगा और उनके अनुभवों से भी काफी कुछ सीखूंगा।’

उन्होंने कहा, ‘आदरणीय बहन जी से अपील है कि वह मेरी सभी गलतियों को माफ करके मुझे पुन: पार्टी में कार्य करने का मौका दें, इसके लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा। साथ ही अब मैं आगे ऐसी कोई भी गलती नहीं करूंगा, जिससे पार्टी व आदरणीय बहन जी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान को ठेस पहुंचे।’

मायावती ने पिछले महीने अपने तत्कालीन ‘उत्तराधिकारी’ आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। उन्होंने आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था और कहा था कि सिद्धार्थ ने आनंद का राजनीतिक करियर बर्बाद कर दिया है।

मायावती ने यह भी ऐलान किया था कि उनके जीते जी अब कोई भी उनका उत्तराधिकारी नहीं होगा।

भाषा सलीम नोमान

नोमान