लखनऊ: Application for Sex Change पुलिस विभाग में कुछ अधिकारियों को महकमे के कर्मचारियों की समस्या के समाधान की जिम्मेदारी दी जाती है। यहां पदस्थ अधिकारी विभाग के कर्मचारियों की प्रशासनिक सहित अन्य समस्याओं का समाधान करते हैं। लेकिन इन दिनों दो महिला आरक्षकों ने ऐसा आवेदन दिया है, जिसे पढ़कर अधिकारियों के भी होश फाख्ता हो गए हैं। इतना ही नहीं मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है।
Application for Sex Change दरअसल प्रदेश की दो महिला आरक्षकों ने लिंग परिवर्तन कर पुरुष बनने की बात कही है। महिला आरक्षकों का आवेदन देखकर डीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों के भी होश उड़ गए हैं। बताया जा रहा है कि यह पहला मौका है, जब उनके सामने ऐसी कोई अर्जी आई है, जिसमें महिला आरक्षी लिंग परिवर्तन कराकर पुरुष बनना चाहती है। वहीं, डीजीपी मुख्यालय में अर्जी देने के बाद दोनों महिला आरक्षी हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुकी हैं।
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डीजीपी मुख्यालय मे महिला आरक्षी को पुरुष बनने की अनुमति दिए जाने से पहले इसके तकनीकी व विधिक पहलुओं को लेकर मंथन शुरू हो गया है। एक महिला आरक्षी गोरखपुर व दूसरी गोंडा में तैनात है। चूंकि दोनों हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी हैं, इसलिए पुलिस भी सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श कर रही है। पुलिस अधिकारी भले ही अलग-अलग तरह की समस्याओं को रोजाना सुलझाते रहते हैं। पर अब दो महिला आरक्षियों के आवेदन ने पूरे महकमे को ही उलझाकर रख दिया है।
दरअसल, महिला व पुरुष आरक्षी की भर्ती के शारीरिक मानक अलग-अलग हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि यदि महिला आरक्षी को लिंग परिवर्तन कर पुरुष बनने की अनुमति दे दी जाए तो उसके बाद भर्ती के मानकों व सेवा नियमों को लेकर आने वाली अड़चनों को कैसे दूर किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, महिला व पुरुष आरक्षी की भर्ती में शारीरिक मानक परीक्षा के मापदंड अलग-अलग हैं। यदि महिला आरक्षी को पुरुष बनने की अनुमति दे भी दी जाए तो उसके उपरांत पुरुष आरक्षी भर्ती के मानक के अनुरूप उसका कद कैसे बराबर होगा।
आवेदन करने वाली एक महिला आरक्षी ने निजी चिकित्सक द्वारा अपने लिंग परिवर्तन संबंधी मेडिकल रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है। इसे लेकर भी पेंच है। ऐसी अनुमति देने से पहले पुलिस विभाग को दोनों महिला आरक्षियों का मेडिकल परीक्षण सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों अथवा मान्य विशेषज्ञ डाक्टरों के पैनल से कराना होगा। पूरे मामले में अंतिम निर्णय शासन स्तर पर होगा।