शाहजहांपुर प्रशासन ने हर ग्राम प्रधान से 10-10 मवेशियों को आश्रय देने की पहल की

शाहजहांपुर प्रशासन ने हर ग्राम प्रधान से 10-10 मवेशियों को आश्रय देने की पहल की

शाहजहांपुर प्रशासन ने हर ग्राम प्रधान से 10-10 मवेशियों को आश्रय देने की पहल की
Modified Date: February 19, 2023 / 12:37 pm IST
Published Date: February 19, 2023 12:37 pm IST

शाहजहांपुर (उप्र), 19 फरवरी (भाषा) शाहजहांपुर जिला प्रशासन ने किसानों की फसलों को नुकसान से बचाने और सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हर प्रधान को छुट्टा घूम रहे 10-10 गोवंश को आश्रय देने की पहल की है।

जिले के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि यह प्रयोग शाहजहांपुर में शुरू किया गया है और सफल हो रहा है तथा इससे छुट्टा गोवंशों में 6000 गोवंशों को ग्राम पंचायतों में संरक्षित किया गया है, आगे भी प्रयास जारी है।

शाहजहांपुर में आवारा घूम रहे पशुओं से किसानों की फसलें बर्बाद होने के साथ ही रोजाना दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। इसके चलते ग्रामीण मवेशियों को पकड़कर सरकारी स्कूल, ब्लॉक आदि कार्यालय में बंद कर रहे थे तथा कई गोवंशों ने लोगों पर हमले भी किए।

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जिले के मुख्य विकास अधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘छुट्टा गोवंशों की समस्या पूरे जिले में थी और हम जहां भी ग्रामीण क्षेत्रों में जाते थे तो ग्रामीणों की पहली शिकायत आवारा गोवंश को लेकर होती थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी लगातार ग्रामीणों द्वारा शिकायत की जाती थी, जिसे हमने गंभीरता से लिया और छुट्टा गोवंशों को संरक्षित करने की योजना बनाई जिसके तहत प्रधानों का एक सप्ताह पूर्व सम्मेलन बुलाया गया और उन्हें 10-10 गायों को संरक्षित करने को कहा गया।’’

उन्होंने बताया कि प्रधानों द्वारा उन्हें काफी सहयोग दिया गया और जिले में कुल 1069 ग्राम पंचायतों में से 400 ग्राम पंचायतों में आवारा घूम रहे 6000 गोवंश को पकड़कर संरक्षित किया जा चुका है यह गौशाला ग्राम पंचायत द्वारा बनाई गई है जिसमें उन्हें प्रति गौवंश 30 रुपये तथा अधिकतम लागत आने पर अधिक धनराशि भी प्रदान की जाएगी।

रामापुर बरकत ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उनके यहां भी आवारा गौवंश की संख्या बहुत ज्यादा थी। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य विकास अधिकारी द्वारा की गई पहल से मैंने भी 18 गौवंशो को संरक्षित किया है तथा आसपास की ग्राम पंचायतों में भी छुट्टा गोवंश पकड़कर उन्हें संरक्षित किया जा रहा है।’’

वहीं, मौजमपुर ग्राम सभा के प्रधान बृजपाल ने कहा, ‘‘हमारा गांव दिल्ली लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है और छुट्टा गोवंश राजमार्ग पर ही आकर बैठते थे हमने प्रशासन के निर्देश पर एक दर्जन छुट्टा गोवंश को संरक्षित किया है, ऐसे में अब राष्ट्रीय राजमार्ग पर छुट्टा गोवंश घूमते नहीं दिख रहे हैं।’’

अल्लाहगंज कस्बे में रहने वाले ट्रांसपोर्ट एवं गल्ला व्यवसाई राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि छुट्टा जानवर सड़क पर ही आकर बैठते थे, इधर कुछ दिनों से सड़क पर घूमने वाले छुट्टा जानवरों की संख्या काफी कम हो गई है। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा की गई इस पहल से निश्चित ही मार्ग पर जानवरों से होने वाली दुर्घटनाओं में काफी कमी आएगी।

भाषा सं आनन्द सुरभि

सुरभि


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