तेंदुए के हमले में छह साल की बच्ची की मौत

तेंदुए के हमले में छह साल की बच्ची की मौत

तेंदुए के हमले में छह साल की बच्ची की मौत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:35 pm IST
Published Date: August 2, 2021 12:20 pm IST

बहराइच (उत्तर प्रदेश), दो अगस्त (भाषा) बहराइच जिले में कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर क्षेत्र में रविवार रात तेंदुए के हमले में छह साल की एक बच्ची की मौत हो गई।

प्रभागीय वनाधिकारी आकाश दीप बधावन ने सोमवार को बताया कि कलंदरपुर गांव में अंशिका नामक बच्ची रविवार रात करीब नौ बजे अपने चाचा के साथ घर के आंगन में खेल रही थी। तेंदुआ संभवतः घात लगाकर बैठा था। उसी समय गांव में बिजली चली गयी और अंधेरा होते ही जानवर बच्ची को उठाकर ले गया।

उन्होंने बताया कि खराब मौसम और अंधेरे के बीच काफी तलाश के बाद रात करीब दो बजे बच्ची का क्षत विक्षत सिर ही बरामद हो सका है। बच्ची के शरीर के अन्य भाग नहीं मिले हैं।

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बधावन ने बताया कि कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में बीते दो माह में तेंदुए के हमले की आधा दर्जन घटनाएं हुई हैं। इन हमलों में इस दौरान दो दिनों में ही इंसानी मौत का दूसरा मामला है। शुक्रवार को घटनास्थल से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर तेंदुए ने एक सात वर्षीय बच्चे को मार डाला था। विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि दोनों घटनाओं में हमला करने वाला एक ही तेंदुआ है।

डीएफओ ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए दो पिंजड़े, थर्मल कैमरे व ड्रोन कैमरे सहित कई टीमें लगाकर जंगल में सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है। पद चिह्नों व अन्य निशानों के आधार पर विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि 24 घंटे में तेंदुआ ट्रैप में फंस जाएगा। फिर भी यदि तेंदुआ पकड़ में ना आया तो ट्र्कुलाइजिंग टीम को सतर्क किया गया है कि सूचना मिलते ही तेंदुए को पकड़ने में मदद करें।

बधावन ने बताया कि जंगल से निकलकर रिहायशी इलाके में पहुंच चुके हमलावर तेंदुए को अपना स्वाभाविक भोजन नहीं मिल पा रहा है इसलिए वह छोटे बच्चों को अपना निशाना बना रहा है।

उन्होंने बताया कि आसपास के गांवों में शुक्रवार रात से ही मुनादी करवाई जा रही थी। बीती रात की घटना के बाद मुनादी तेज कराई गयी है। ग्रामीणों और खास तौर पर छोटे बड़े बच्चों को बाहर निकलने से मना किया जा रहा है। ग्रामीणों को समझाया जा रहा है कि यदि बहुत जरूरी काम से बाहर निकलना भी पड़े तो 8-10 लोगों के समूह में हांका लगाते व शोर मचाते हुए ही निकलें।

भाषा सं सलीम

निहारिका शाहिद

शाहिद


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