मां का मंगलसूत्र बेचकर चालान भरने पहुंचा बेटा, तो ARTO ने खुद भरा 24,500 का जुर्माना, पढ़ाई में भी करेंगे मदद

उन्होंने पहले तो युवक को बैठाकर पानी पिलाया और फिर पूरी दास्तान सुनी। इसके बाद ARTO आरसी भारती ने न सिर्फ चालान के पैसे जमा किए, बल्कि युवक की हर संभव मदद करने की बात कही। साथ ही गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ चुके युवक को पढ़ाने की पेशकश भी की।

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  • Publish Date - June 17, 2022 / 08:42 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

pay challan after selling mother’s mangalsutra: महराजगंज। एक ऑटो ड्रावइर का 24,500 रुपए का चालान काटा गया था। लेकिन पैसे न होने के कारण बेटे ने जुर्माने की रकम जमा करने के लिए मां के मंगलसूत्र को बेच दिया। फिर भी उसे मात्र 13 हजार रुपए मिले। परेशान होकर बेटा ARTO दफ्तर इस आस में पहुंचा कि जुर्माने की शेष रकम माफ हो जाएगी। परेशान बेटा इधर-उधर भटक रहा था। यह देखकर ARTO का दिल पसीज गया। उन्होंने पहले तो युवक को बैठाकर पानी पिलाया और फिर पूरी दास्तान सुनी। इसके बाद ARTO आरसी भारती ने न सिर्फ चालान के पैसे जमा किए, बल्कि युवक की हर संभव मदद करने की बात कही। साथ ही गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ चुके युवक को पढ़ाने की पेशकश भी की।

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8 जून को काटा गया ऑटो का चालान

सिंहपुर ताल्ही गांव के राजकुमार ऑटो ड्राइवर हैं। बीते 8 जून को उनका ARTO ने 24,500 रुपए का चालान कर दिया था, लेकिन राजकुमार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे चालान भर पाते। बेटा विजय कुमार बुधवार दोपहर 2 बजे ARTO दफ्तर पहुंचा। वह काफी परेशान था। उसे परेशान देखकर ARTO आरसी भारती ने अपने पास बुलाया और उनकी समस्या जानने की कोशिश की। विजय ने बताया कि ऑटो के चालान का 24,500 रुपए जमा करना था। मां का मंगलसूत्र बेचने के बाद भी केवल 13 हजार रुपए ही जमा हो पाए। यह बताते हुए विजय रो पड़ा। उनकी दर्द भरी कहानी सुनने के बाद ARTO ने पहले उन्हें पानी पिलाया और मदद करने की बात कही।

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10वीं के बाद छोड़ दी पढ़ाई

pay challan after selling mother’s mangalsutra: विजय ने आगे बताया कि वह मजदूरी करते हैं। फेल होने के बाद 10वीं की पढ़ाई भी नहीं कर सके। परिवार में छह बहने हैं। एक बहन की शादी हुई है। आर्थिक तंगी के चलते जैसे-तैसे घर चल रहा है। विजय ने कहा कि वह इस उम्मीद में ARTO दफ्तर आया था कि शायद शेष रकम माफ हो जाएगी।

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ARTO ने खुद जमा की रकम

पूरी बात सुनने के बाद ARTO ने चालान की पूरी रकम खुद जमा करने के साथ ही ऑटो का इंश्योरेंस भी कराया। इसके बाद कुछ कैश राशि देकर भविष्य में हर संभव मदद देने का भरोसा दिया। उन्होंने युवक की पढ़ाई का खर्च उठाने की भी पेशकश की, जिसे उसने स्वीकार कर लिया है। ARTO आरसी भारती ने बताया कि पीड़ित की पूरी बात सुनने के बाद चालान की पूरी रकम जमा कर दी।