संप्रभुता, अहस्तक्षेप और नैतिक जिम्मेदारी भारत के मानवीय रुख का मार्गदर्शन करती है: अनुराग ठाकुर

संप्रभुता, अहस्तक्षेप और नैतिक जिम्मेदारी भारत के मानवीय रुख का मार्गदर्शन करती है: अनुराग ठाकुर

संप्रभुता, अहस्तक्षेप और नैतिक जिम्मेदारी भारत के मानवीय रुख का मार्गदर्शन करती है: अनुराग ठाकुर
Modified Date: October 23, 2025 / 07:52 pm IST
Published Date: October 23, 2025 7:52 pm IST

हमीरपुर (हिप्र), 23 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत की मानवीय भागीदारी की दिशा संप्रभुता, अहस्तक्षेप और ‘नैतिक ज़िम्मेदारी’ के सिद्धांतों से तय होती है, और भारत मानवता, निष्पक्षता तथा तटस्थता के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है।

भाजपा की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से सांसद ठाकुर ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा में अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 151वीं बैठक में यह टिप्पणी की।

बयान के मुताबिक, 170 देशों के सांसदों की सभा में भारत के सांसदों का प्रतिनिधित्व करते हुए ठाकुर ने संघर्षों और आपदाओं की बढ़ती घटनाओं के बीच बहुपक्षीय सहयोग में गिरावट और मानवीय सहायता निधि में कमी के प्रति आगाह किया।

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उन्होंने आईपीयू की आम चर्चा में ‘संकट के समय में मानवीय मानकों को कायम रखना और मानवीय कार्रवाई का समर्थन करना’ विषय पर भारत का पक्ष प्रस्तुत किया।

ठाकुर ने कहा, ‘भारत की मानवीय भागीदारी संप्रभुता, अहस्तक्षेप, नैतिक जिम्मेदारी द्वारा निर्देशित है और भारत मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के मूल मानवीय सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है।’

ठाकुर ने सभी सांसदों से पक्षीय और भू-राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर, सभी मनुष्यों की गरिमा के लिए एकजुट होने और कमजोर लोगों की रक्षा के लिए सामूहिक कार्रवाई को मज़बूत करने का आग्रह किया। उन्होंने वैश्विक मानवीय कार्रवाई के प्रति भारत की सभ्यतागत प्रतिबद्धता दोहराई।

बढ़ते संघर्षों, आपदाओं और अंतरराष्ट्रीय मानवीय ढांचे पर दबाव की पृष्ठभूमि में, ठाकुर ने बताया कि बहुपक्षीय सहयोग में गिरावट आई है और मानवीय निधि में भी कमी आई है।

उन्होंने बहुपक्षीय संस्थाओं, विशेषकर ‘ग्लोबल साउथ’ को अधिक समावेशी और प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाने के लिए व्यापक सुधारों का आह्वान किया।

‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है और ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं।

लोकसभा सदस्य ने सरकारों, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और निजी हितधारकों से समय पर, पर्याप्त और सैद्धांतिक सहायता सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता प्रणाली के लिए समर्थन बढ़ाने की अपील की।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में भारत के दीर्घकालिक योगदान को भी रेखांकित किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के 49 शांति मिशनों में 2,00,000 से अधिक भारतीय कार्मिक सेवा दे रहे हैं और कोविड-19 महामारी के दौरान भारत के नेतृत्व में 100 से अधिक देशों और संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं को 30.1 करोड़न से अधिक टीके की खुराक की आपूर्ति की गई।

घरेलू मोर्चे पर, ठाकुर ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने 2006 में अपने गठन से 16,000 से अधिक प्रशिक्षित कर्मियों ने 1,59,293 लोगों की जान बचाई है और 8,64,316 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

ठाकुर ने कहा कि 151वीं आईपीयू सभा में भारत की भागीदारी उसके सभ्यतागत मूल्यों और वैश्विक एकजुटता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

भाषा नोमान नरेश

नरेश


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