गाजियाबाद (उप्र), आठ अक्टूबर (भाषा) गाजियाबाद की एक स्थानीय अदालत ने साल 2004 के एक हत्याकांड में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व पार्षद और उसके एक साथी को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 14 नवंबर 2004 को सिहानी गेट पुलिस थाने में विजय पाल की शिकायत पर एक मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे में विजय ने आरोप लगाया गया था कि उसके भाई नरेश (42) की राम नगर कॉलोनी स्थित उसके कार्यालय के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और भतीजा जितेंद्र घायल हो गया था।
नरेश को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया, जबकि जितेंद्र ने होश में आने के बाद पुलिस को बताया कि बसपा के पूर्व पार्षद मनीष पंडित और उसके सहयोगी मनोज कुमार उर्फ फौजी ने गोली चलाई थी।
जितेंद्र ने बताया था कि गोली चलाने से पहले पंडित ने नरेश से कहा था, ‘तुम्हारी वजह से मैं चुनाव हार गया।’ यह बात उसने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर लड़े गए अपने चुनाव हारने का जिक्र करते हुए कही थी।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जुनैद मुजफ्फर ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को हत्या और हत्या के प्रयास के आरोपों में दोषी ठहराया और उम्र कैद तथा 35-35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
इस बीच, नरेश के बड़े भाई जोगेंद्र सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘गोलीबारी की घटना में हमें देर से न्याय मिला है। मनीष पंडित से हमारी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी। यह हमला पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण हुआ था, क्योंकि हमने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार मुन्नी का समर्थन किया था, जबकि पंडित बसपा से चुनाव लड़ रहे थे।’
भाषा सं सलीम मनीषा
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