आरबीआई शुक्रवार को करेगा मौद्रिक नीति की घोषणा, रेपो दर में कटौती पर निगाहें

आरबीआई शुक्रवार को करेगा मौद्रिक नीति की घोषणा, रेपो दर में कटौती पर निगाहें

  •  
  • Publish Date - December 4, 2025 / 06:55 PM IST,
    Updated On - December 4, 2025 / 06:55 PM IST

(फाइल फोटो के साथ)

मुंबई, चार दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में लिए गए निर्णयों की घोषणा करेगा। विशेषज्ञों ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती किए जाने की उम्मीद जताई है।

आरबीआई की ओर से बृहस्पतिवार को जारी बयान के मुताबिक, गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​शुक्रवार सुबह मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन-दिवसीय बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा करेंगे।

अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति पर एमपीसी की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी।

यह बैठक घटती मुद्रास्फीति, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तेज वृद्धि, डॉलर के मुकाबले रुपये के 90 के पार जाने और मौजूदा भू-राजनीतिक तनावों की पृष्ठभूमि में हो रही है।

खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट के बीच आरबीआई ने फरवरी से रेपो दर में तीन किस्तों में कुल एक प्रतिशत की कटौती की है। हालांकि पिछली दो बार से रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।

कई विशेषज्ञों का कहना है कि वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है लेकिन खुदरा मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट ने प्रमुख अल्पकालिक ऋण दर में कटौती की अतिरिक्त गुंजाइश पैदा कर दी है।

आरबीआई गवर्नर ने भी पिछले महीने कहा था कि नीतिगत ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश है।

भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट (बीवाईएसटी) की संस्थापक लक्ष्मी वेंकटरमण वेंकटेशन ने कहा, ‘‘मौजूदा रेपो दर एक साल पहले की 6.5 प्रतिशत दर से काफी नीचे है। अक्टूबर में मुद्रास्फीति एक दशक के अपने सबसे निचले स्तर 0.25 प्रतिशत पर रही और थोक मूल्यों में 1.21 प्रतिशत की गिरावट आई है। सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को दिए जाने वाले लगभग 70 प्रतिशत ऋण सीधे रेपो दर से जुड़े होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नीतिगत माहौल में सुधार के बावजूद, ऋण का अंतर अब भी व्यापक है और कार्यान्वयन स्तर पर वित्त तक पहुंच अब भी कठिन है। इस स्थिति को देखते हुए, ब्याज दर में 0.25 से 0.50 प्रतिशत की और कटौती करके उन्हें 5.25 प्रतिशत पर लाना उचित एवं आवश्यक है।’’

अमरावती ग्रुप के संस्थापक एवं चेयरमैन रवि प्रकाश पांडे ने कहा, ‘‘रियल एस्टेट क्षेत्र को रेपो दर में कटौती की उम्मीद है क्योंकि मामूली कटौती से भी मकानों की मांग बढ़ सकती है, साथ ही नगदी प्रवाह बेहतर हो सकता है। उधार लेने की कम लागत मकान खरीदने वालों को आगे आने के लिए बढ़ावा देती है।’’

हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आरबीआई ब्याज दर में यथास्थिति कायम रख सकता है क्योंकि आर्थिक वृद्धि में तेजी आई है जो राजकोषीय समेकन, लक्षित सार्वजनिक निवेश और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर में कटौती जैसे विभिन्न सुधारों से बनी हुई है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुख्य मुद्रास्फीति सरकार द्वारा निर्धारित दो प्रतिशत के निचले स्तर से नीचे बनी हुई है। इसके अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था ने दूसरी तिमाही में अपेक्षा से बेहतर 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर्ज की है।

सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे।

आरबीआई के पहली छमाही के अपेक्षा से बेहतर आंकड़ों को देखते हुए अपने जीडीपी वृद्धि अनुमान को संशोधित करके बढ़ाने की भी उम्मीद है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी अनुमान को अक्टूबर में 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था।

भाषा निहारिका प्रेम

प्रेम

शीर्ष 5 समाचार