उप्र के जलशक्ति मंत्री दिनेश खटीक ने इस्तीफे की पेशकश की, अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप लगाया |

उप्र के जलशक्ति मंत्री दिनेश खटीक ने इस्तीफे की पेशकश की, अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप लगाया

उप्र के जलशक्ति मंत्री दिनेश खटीक ने इस्तीफे की पेशकश की, अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप लगाया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : July 20, 2022/5:39 pm IST

लखनऊ, 20 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री दिनेश खटीक ने दलित होने के चलते विभागीय अधिकारियों द्वारा उनकी अनदेखी किये जाने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। मंत्री ने विभाग में भ्रष्टाचार होने का आरोप भी लगाया है।

खटीक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित एक पत्र में इस्तीफे की पेशकश की है। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

मेरठ में जब संवाददाताओं ने मंत्री खटीक से इस्तीफे के बारे में उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए सवाल किया, तो उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कोई मुद्दा नहीं है।’’

मेरठ में उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि मंत्री दिल्ली गये हैं। खटीक (44) मेरठ की हस्तिनापुर सीट से दो बार के विधायक हैं।

जलशक्ति मंत्री के वायरल पत्र पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जहां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं, परंतु दलित होने का अपमान मिले… तो ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है।’’

शाह को लिखे पत्र में खटीक ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और अमित शाह के अथक परिश्रम एवं कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों को साथ लेकर चलने के कारण आज भाजपा सरकार का गठन हुआ है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जलशक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती और न ही मुझे किसी योजना के बारे में सूचना दी जाती है जोकि वर्तमान में विभाग द्वारा संचालित है।’’

19 जुलाई की तारीख वाले पत्र में मंत्री ने लिखा, ‘‘विभाग में स्थानांतरण सत्र के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया। अधिकारियों के स्थानांतरण से संबंधित सूचना मैने पत्र के जरिए मांगी, तो उसकी सूचना अभी तक नहीं दी गयी है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जब मैंने प्रमुख सचिव, सिंचाई, अनिल गर्ग को उक्त स्थिति से अवगत कराना चाहा तो उन्होंने बिना मेरी पूरी बात सुने ही टेलीफोन काट दिया और मेरी बात को अनुसना कर दिया जोकि एक जनप्रतिनिधि का बहुत बड़ा अपमान है। मैं दलित जाति से संबंध रखने वाला मंत्री हूं इसीलिये इस विभाग में मेरे साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है।’’

खटीक ने पत्र में आरोप लगाया कि विभाग में नमामि गंगे योजना में भी व्यापक भ्रष्टाचार फैला हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘जमीनी स्तर पर जाने के बाद इस बारे में पता चलता है और जब मैं कोई शिकायत किसी भी अधिकारी के विरूद्ध करता हूं तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। अगर आप चाहें तो इसकी जांच किसी भी एजेंसी से करायी जा सकती है।’’

मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारी दलितों का अपमान कर रहे हैं।

मंत्री ने कहा, ‘‘मैं दलित समाज से हूं और दलित समाज मुझसे पूरी तरह से जुड़ा हुआ है और यह मुझसे अपेक्षा रखता है कि उनके साथ अन्याय नहीं हो। जब मैं उनके (दलितों) साथ हो रहे अन्नाय के बारे में अधिकारियों को अवगत कराता हूं तो अधिकारी उस पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, जिससे मेरा ही नहीं बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान हो रहा है।’’

खटीक ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की योजना नमामि गंगे एवं हर घर जल योजना के नियमों की अनदेखी हो रही है। मेरे विभाग में स्थानांतरण के नाम पर गलत तरीके से धन वसूली की गयी है। संज्ञान में आने पर जब मैंने विभागाध्यक्ष से इसकी सूचना मांगी तो अभी तक उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब विभाग में दलित समाज के राज्य मंत्री का ही कोई अस्तित्व नहीं है, तो फिर ऐसी स्थिति में राज्य मंत्री के रूप में मेरा कार्य करना दलित समाज के लिये बेकार है। इन्हीं सब बातों से आहत होकर मैं अपने पद से त्यागपत्र दे रहा हूं।’’

भाषा जफर संजय सं शफीक

शफीक

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)