उप्र : गाड़ी के कागजात मांगने पर दारोगा की पिटाई, 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा

उप्र : गाड़ी के कागजात मांगने पर दारोगा की पिटाई, 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा

उप्र : गाड़ी के कागजात मांगने पर दारोगा की पिटाई, 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा
Modified Date: April 10, 2024 / 12:21 pm IST
Published Date: April 10, 2024 12:21 pm IST

वाराणसी (उप्र), 10 अप्रैल (भाषा) वाराणसी नगर के गोदौलिया चौराहे पर एक दारोगा से मारपीट के मामले में पुलिस ने एक कथित संगठन के कुछ सदस्यों सहित 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस सूत्रों ने दर्ज रिपोर्ट के हवाले से बुधवार को बताया कि दारोगा आनंद प्रकाश गत रविवार की रात गोदौलिया चौराहे पर वाहनों की जांच कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने बिना नम्बर प्लेट की एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों को रोककर उनसे लाइसेंस और गाड़ी के अन्य कागजात मांगे।

दारोगा ने दर्ज रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि कागजात मांगने पर मोटरसाइकिल सवार युवकों ने खुद को एक हिंदूवादी संगठन का पदाधिकारी बताते हुए वर्दी उतरवाने की धमकी दी। इसी बीच, उन युवकों के कई साथी वहां पहुंच गए और दारोगा से मारपीट करने लगे।

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इस घटना का एक कथित वीडियो भी सोशल मीडिया पर है जिसमें भगवा गमछा डाले कुछ लोग पुलिसकर्मी को सड़क पर गिरा कर लातों से पीटते नजर रहे हैं।

सहायक पुलिस आयुक्त प्रज्ञा पाठक ने बताया कि दारोगा आनंद प्रकाश की तहरीर पर नीतीश सिंह, नितेश सिंघानी, राहुल सिंह, सन्नी गुप्ता, गप्पू सिंह और अजय सिंह के खिलाफ नामजद तथा 10 अज्ञात लोगों के विरुद्ध गत सोमवार को बलवा, मारपीट, जान से मारने की नीयत से हमला करने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर शेयर करते हुए लिखा, ‘देश के प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा दारोगा के साथ हिंसक व्यवहार भाजपाई अराजकता की पराकाष्ठा है। अब देखना है कि इन असामाजिक तत्वों के घरों पर बुलडोजर कब चलता है।’

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी इस घटना की निंदा करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आखिर क्या हो रहा है? सरेआम आरएसएस के लोगों द्वारा दारोगा की पिटाई कर दी जाती है। सरकार मूक दर्शक बन कर मौन है। आरएसएस के लोगों को खुली छूट, कोई कार्यवाही नहीं। इन मनबढ़ों को आखिर किसका मिल रहा संरक्षण?’

भाषा सं सलीम मनीषा

मनीषा


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