उप्र विधानसभा ने विधायकों और मंत्रियों के वेतन-भत्तों में वृद्धि से जुड़े विधेयक को मंजूरी दी

उप्र विधानसभा ने विधायकों और मंत्रियों के वेतन-भत्तों में वृद्धि से जुड़े विधेयक को मंजूरी दी

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  • Publish Date - August 14, 2025 / 07:01 PM IST,
    Updated On - August 14, 2025 / 07:01 PM IST

लखनऊ, 14 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा ने करीब नौ साल बाद बृहस्पतिवार को अपने सदस्यों और मंत्रियों के वेतन-भत्ते और पेंशन में वृद्धि के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया।

इस वृद्धि से सरकार पर हर वर्ष कुल 105 करोड़ रुपये का व्यय भार पड़ेगा।

इससे पहले अखिलेश यादव के नेतृत्व की समाजवादी पार्टी की सरकार ने वर्ष 2016 में विधायकों और मंत्रियों के वेतन-भत्ते में वृद्धि की थी।

बृहस्पतिवार को मानसून सत्र के समापन पर वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने ”उत्तर प्रदेश राज्य विधान मण्डल सदस्य तथा मंत्री सुख-सुविधा विधि (संशोधन) विधेयक, 2025” सदन में पेश किया, जिसे विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सर्वसम्मति से पारित करने की घोषणा की।

इससे पहले खन्‍ना ने बताया कि पिछले सत्र में एक समिति बनी थी, जिसकी कई बैठकों के बाद यह निष्कर्ष निकला कि महंगाई के इस दौर में सदस्यों के वेतन और भत्ते पर विचार करके उसमें वृद्धि की जाए।

उन्होंने बताया कि इस विधेयक के तहत विधायकों का वेतन 25 हजार रुपये के स्थान पर 35 हजार रुपये, मंत्रियों का वेतन 40 हजार के स्थान पर 50 हजार रुपये, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 50 हजार से 75 हजार रुपये, रेलवे कूपन चार लाख 25 हजार की जगह पांच लाख रुपये कर दिया गया है।

खन्ना ने कहा कि सत्र व समिति की बैठकों के समय मिलने वाला दैनिक भत्ता 2,000 से बढ़ाकर 2500 रुपये, जनसेवा कार्यों के लिए दैनिक भत्ता 1500 की जगह 2000 रुपये, संसदीय भत्ता 20 हजार की जगह 30 हजार रुपये, चिकित्सा भत्ता 30 हजार रुपये की जगह 45 हजार रुपये और टेलीफोन भत्ता छह हजार के स्‍थान पर नौ हजार रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा पेंशन में भी वृद्धि की गयी है और उसके लिए अलग-अलग दर निर्धारित की गयी हैं।

खन्‍ना ने कहा कि इस वृद्धि के बाद सरकार पर हर साल कुल 105 करोड़ 21 लाख 63 हजार रुपये का व्यय भार पड़ेगा। यह विधेयक पक्ष और विपक्ष के सदस्यों की सर्वसम्मति से पारित हुआ।

भाषा आनन्द जोहेब

जोहेब